बिहार सरकार का फैसला गलत, आनंद मोहन की रिहाई से दुखी हुईं जी कृष्णैया की पत्नी और बेटी, जनता से की ये खास अपील
बाहुबली नेता और पूर्व सांसद आनंद मोहन सिंह (Anand Mohan Singh) की रिहाई को लेकर बीते दो दिनों में बिहार में सियासी माहौल में गर्माहट एकाएक बढ़ गई है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकार को इसको लेकर आलोचना का सामना करना पड़ रहा है।
आइएएस के परिवार से मिल सकते हैं चेतन आंनद
वहीं दूसरी ओर इस मसले को ठंडा करने की कवायद भी चल रही है। इसके तहत आनंद मोहन (Anand Mohan Singh) के बेटे और राजद के विधायक चेतन आंनद जल्द ही पूर्व आइएएस अधिकारी जी कृष्णैया (G Krishnaiah) की पत्नी से मुलाकात कर सकते हैं।
चेतन ने कहा कि कृष्णैया परिवार के साथ उनकी पूरी सहानुभूति है हमारे लोग उनसे संपर्क कर रहे हैं अगर उनकी सहमति मिली तो हम पूरे परिवार के साथ उनसे मिलने जाएंगे। उन्होंने कहा कि हमारे पिता आंनद मोहन (Anand Mohan Singh) दोषी नहीं हैं, कृष्णैया जी की हत्या दुर्भाग्यपूर्ण घटना में कोई हाथ नहीं था दूसरे लोग इसके जिम्मेदार हैं हम लोग कृष्णैया जी के परिवार की पीड़ा को समझते हैं।
पत्नी लवली आनंद ने कही ये बात
वहीं आंनद मोहन की पत्नी व पूर्व सांसद लवली आनंद ने कहा कि हमने 15 साल बहुत मुश्किल से काटा है। उनकी रिहाई हमारे लिए और समर्थकों के लिए खुशी की बात है। उन्होंने आगे कहा कि आईएएस कृष्णेैय जी (G Krishnaiah) की हत्या के बाद दो परिवारों ने सबसे ज्यादा दुख झेला।
आंनद मोहन (Anand Mohan Singh) निर्दोष होने के बाद भी जेल चले गए उधर उमा कृष्णैया का सुहाग उजड़ गया। जी कृष्णैया जी एक ईमानदार अफसर थे। उनकी हत्या का हमें बहुत दुख है। अगर हमारे सामने ये घटना होती तो आंनद मोहन और मैं जरुर जान पर खेल कर उनकी जान बचाने की कोशिश करते।
उन्होंने कहा कि हम स्वतंत्रता सेनानी परिवार से आते हैं हमने हमेशा कानून का पालन किया है इसलिए कोर्ट के फैसले के बाद आंनद मोहन जेल चले गए। जैसे राम जी 14 साल बाद वनवास से घर लौटे थे तब जिस तरह से खुशहाली मिली थी उसी तरह उनकी रिहाई हमारे लिए खुशी की बात है।
बिहार सरकार का फैसला गलत
दूसरी तरफ जी कृष्णैया(G Krishnaiah) की पत्नी और बेटी ने आंनद मोहन (Anand Mohan Singh) को फिर से जेल भेजने की मांग की है उनकी पत्नी उमा देवी ने आंनद मोहन की रिहाई के फैसले को गलत बताया है। उन्होंने कहा कि इस फैसले का जनता विरोध करेगी उन्हें जेल भेजने की मांग करेगी। सीएम नीतिश कुमार को इस तरह की चीजों को बढावा नहीं देना चाहिए।
वहीं उनकी बेटी ने कहा कि नीतीश सरकार को इस फैसले पर फिर से विचार करना चाहिए उन्होंने गलत मिशाल पेश की है। आंनद मोहन की रिहाई से हमें दुख हुआ है।
काम से वापस घर जाने के दौरान हुई थी ह्त्या
बता दें कि 5 दिसंबर 1994 की शाम को जब गोपालगंज के डीएम जी कृष्णेय (G Krishnaiah) काम से अपने घर वापस जा रहे थे उस वक्त मुजफ्फरपुर के खबरा गांव के पास अचानके से एक उन्मादी भीड़ ने उन पर हमला कर दिया था और बड़ी ही बेहरमही से उनकी हत्या कर दी गई थी जिसमें बाद में आंनद मोहन (Anand Mohan Singh) का नाम आया था और उन्हें जेल जाना पड़ा था ।
अब बिहार की नीतीश सरकार ने जेल के नियमों में संशोधन कर आंनद मोहन की रिहाई कर दी है जिसके बाद कांग्रेस पूरी तरह मे प्रदेश सरकार पर हमलावर है वहीं भाजपा सरकार पर निशाना साधने से बचती नजर आ रही है।
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