April 30, 2024

#World Cup 2023     #G20 Summit    #INDvsPAK    #Asia Cup 2023     #Politics

अखिलेश यादव से मुलाकात के बाद नर्म पड़े स्वामी प्रसाद मौर्य के तेवर, विवादित बयान को लेकर कही ये बात

0
Swami Prasad Maurya met Akhilesh Yadav

लखनऊ: स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) को सपा प्रमुख अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने पार्टी मुख्यालय तलब किया था. जहां धार्मिक ग्रंथ रामचरित मानस को लेकर दिए गए विवादित बयान के बाद दोनों की पहली मुलाकात हुई. अखिलेश यादव से मुलाकात के बाद स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि- जातिगत आधारित जनगणना के मुद्दे पर पार्टी अध्यक्ष के साथ चर्चा हुई है.

अखिलेश संग हुई इन मुद्दों पर बात

अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) संग लगभग 1 घंटे तक हुई मुलाकात को लेकर स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) ने कहा कि- यह बैठक जाति आधारित जनगणना की मुहिम को तेज करने समेत विभिन्न मुद्दों को लेकर थी. पार्टी जातिगत आधारित जनगणना के मुद्दे पर आगे बढ़ेगी. उन्होंने कहा कि-

“आदिवासियों, दलितों और पिछड़ों के आरक्षण को बीजेपी ने खत्म कर दिया है. हमने जातिगत आधारित जनगणना की मांग की है. अब देश के अनुसूचित जाति जनजाति को उनका हक दिलाने की लड़ाई लड़ी जाएगी. इसे लेकर हम केंद्र सरकार को पत्र भी लिखेंगे”

वहीं, रामचरितमानस विवाद को लेकर पूछे गए सवाल पर वह किनारा करते नजर आए. उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव सही वक्त आने पर सदन में इसका जवाब देंगे.

मुलाकात करने से पहले दिखाए थे तेवर

हालांकि अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) संग मुलाकात करने से पहले उन्होंने एक बार ट्वीट करते हुए अपने तेवर दिखाए थे. स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) ने आज 28 जनवरी को ट्वीट करते हुए कहा कि-

“देश की महिलाओं, आदिवासियों, दलितों एवं पिछड़ों के सम्मान की बात क्या कर दी, मानो भूचाल आ गया. एक-एक करके संतो, महंतों, धर्माचार्यों का असली चेहरा बाहर आने लगा. सिर, नाक, कान काटने पर उतर आये. कहावत सही है कि मुंह में राम बगल में छुरी. धर्म की चादर में छिपे, भेड़ियों से बनाओ दूरी.”

गौरतलब है कि रामचरित मानस पर विवादित बयान देने पर कुछ लोगों ने उन्हें सिर काटने और नाक काटने की धमकी दी थी.

क्या है पूरा मामला?

गौरतलब है कि पिछले दिनों एक चैनल से बातचीत करते हुए स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) ने रामचरित मानस (Ram Charit Manas) पर विवादित टिप्पणी करते हुए ग्रंथ को प्रतिबंधित करने की मांग की थी. मौर्य ने कहा था कि- “रामचरित मानस में कुछ ऐसे विवादित अंश हैं जिन्हें निकाल देना चाहिए.”

उन्होंने कहा था कि- “तुलसीदास रचित श्रीरामचरित मानस की एक चौपाई है जिसमें कहा गया है कि- ‘ढोल-गंवार शूद्र पशु नारी, सकल ताड़ना के अधिकारी’ महिलाएं सभी वर्ग की हैं, क्या उनकी भावनाएं आहत नहीं हो रहीं हैं. ऐसे में इस तरह की पुस्तकों को जब्त किया जाना चाहिए.”

स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) की इस टिप्पणी से साधु, संतो और हिंदू संगठनों में काफी नाराजगी है. जगह-जगह जिसे लेकर उनके खिलाफ नारेबाजी और उनका पुतला फूंका जा रहा है.

 

ये भी पढ़ें- त्रिपुरा विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक दलों ने कसी कमर, बीजेपी 48 तो कांग्रेस ने जारी की 17 उम्मीदवारों पहली लिस्ट

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *