April 27, 2024

#World Cup 2023     #G20 Summit    #INDvsPAK    #Asia Cup 2023     #Politics

बटर चिकन-दाल मखनी को किस रेस्तरां ने किया तैयार? हाईकोर्ट तक पहुंची डिश की लड़ाई

0
dalmakhni-chicken

dalmakhni-chicken

Delhi High Court: किसी को मांसाहारी खाना पसंद है तो किसी को शाकाहारी सबकी अपनी-अपनी पसंद है। कोई बटर चिकन का शौकीन है तो कोई दाल मखनी का सबका अपना एक अलग टेस्ट है। लेकिन कभी-कभी ये जानना भी दिलचस्प होता है कि जो भोजन हम कर रहें हैं इसकी खोज आखिर किसने की और कब की पहली बार इसकी शुरुआत कैसे हुई? वहीं अब बटर चिकन और दाल मखनी की खोज को लेकर दो फेमस रेस्टोरेंट के बीच जंग छिड़ गई है और यह लड़ाई दिल्ली के हाईकोर्ट तक जा पहुंची है।

रेस्टोरेंट का दावा डिश की खोज हमने की

Also Read: मुकेश अंबानी ने राम भक्तों को दिया बड़ा तोहफा, 22 जनवरी को होगी सभी कर्मचारियों की छुट्टी

बता दें कि दो रेस्टोरेंट के मालिक खाने की खोज को लेकर हाईकोर्ट चले गए हैं। जबकि यह दोनों दिल्ली के जाने-माने रेस्टोरेंट में से एक हैं। एक रेस्टोरेंट का नाम मोती महल है तो दूसरे का नाम दरियागंज है। इन दोनों रेस्टोरेंट का दावा है कि यह दोनों ही हैं जिन्होंने पहली बार बटर चिकन और दाल मखनी डिश की खोज की। इसके तहत बटर चिकन और दाल मखनी की खोज को लेकर दोनों रेस्टोरेंट में बहस शुरू हो गई ।

moti-mahal--daryaganjmoti-mahal--daryaganj

मुकदमे में लगे यह आरोप

खबरों के मुताबिक दोनों रेस्टोरेंट के बीच कानूनी लड़ाई तब शुरू हुई जब मोती महल के मालिकों ने बटर चिकन और दाल मखनी की शुरुआत करने की टैगलाइन का उपयोग करने के लिए दरियागंज रेस्तरां के मालिकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया। मोती महल के द्वारा यह आरोप लगाया गया कि इस तरह के दावे जनता को गुमराह करते हैं।

रेस्टोरेंट को देना होगा जवाब

इस मामले में पहली सुनवाई 16 जनवरी को हुई थी। इसमें दरियागंज रेस्टोरेंट को समन जारी कर एक हफ्ते के अंदर लिखित जवाब देने को कहा गया है। वहीं दरियागंज रेस्टोरेंट के वकील का कहना है कि ”इस केस का कोई आधार नहीं है।”

जवाब में क्या कहा मोती महल रेस्टोरेंट ने?

मोती महल रेस्टोरेंट ने कहा है कि ”इस डिश को बनाने का श्रेय उसके पूर्ववर्ती स्वर्गीय कुंडल लाल गुजराल को जाता है। जब चिकन तंदूरी नहीं बिकती थी तो वह सूख जाती थी जिससे वे चिंतित हो जाते थे। इसी वजह से उन्होंने इसमें टमाटर, मक्खन, क्रीम और मसालों का इस्तेमाल करना शुरू किया जो आगे चलकर बटर चिकन बन गया। यह डिश हमारे पूर्वजों की देन है।”

Also Read: Myanmar Border को लेकर केंद्र सरकार का बड़ा फैसला, खत्म किया जाएगा फ्री मूवमेंट रेजीमे, होगी बाड़ाबंदी

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *