‘न खाऊंगा, न खाने दूंगा’ लेकिन हमारी साइड रहने पर मिलेगी छूट, शशि थरूर ने तंज कसते हुए जारी किया भ्रष्ट नेताओं की सूची
नई दिल्ली: कांग्रेस नेता शशि थरूर (Shashi Tharoor) ने दिल्ली के उपमुख्यमंत्री और आप नेता मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) की गिरफ्तारी को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर कटाक्ष किया है. शशि थरूर (Shashi Tharoor) ने ‘न खाऊंगा और न खाने दूंगा’ वाले स्लोगन को कोट करते हुए कहा कि ये सुनकर हैरानी होती है क्योंकि आज बीजेपी में कई नेता ऐसे शामिल हैं जिन पर भ्रष्टाचार के आरोप हैं. लेकिन ईडी और सीबीआई सिर्फ विपक्ष के नेताओं तक ही पहुंच पा रही है.
शशि थरूर ने कही ये बात
This is going around, so sharing as received. Always wondered about the meaning of न खाऊँगा न खाने दूँगा. I guess he was only talking about beef! pic.twitter.com/oggXdXX8Ac
— Shashi Tharoor (@ShashiTharoor) February 28, 2023
शशि थरूर (Shashi Tharoor) ने ट्विटर पर लिस्ट शेयर करते हुए लिखा कि- “इसकी चर्चा हो रही है और जो मेरे पास आया है उसे शेयर कर रहा हूं. मुझे ‘न खाऊंगा और न खाने दूंगा’ के स्लोगन पर हैरानी होती है. मुझे लगता है कि ये बात शायद सिर्फ बीफ खाने को लेकर कही गई होगी.” दरअसल, उन्होंने 8 नेताओं की सूची जारी की है, जो या तो बीजेपी के नेता हैं या फिर बीजेपी गठबंधन में शामिल हैं.
लिस्ट में इन नेताओं का नाम
आपको बता दें कि शशि थरूर (Shashi Tharoor) ने जिन नेताओं की सूची जारी की है उनमें असम के मुख्यमंत्री हेमंत बिस्वा सरमा और कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा का नाम भी है. इसके अलावा, सुवेंदु अधिकारी, भावना गवली, यशवंत जाधव, यामिनी जाधव, प्रताप सरनाईक और नारायण राणे जैसे नेताओं के नाम भी उन्होंने शेयर किया है.
भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे नेता
आपको बता दें कि शशि थरूर (Shashi Tharoor) ने जिन नेताओं का सूची जारी की है. वे सभी किसी ने किसी मामले में उनपर घोटाले का आरोपों लगा है. वहीं, इनमें से ऐसे कई नेता ऐसे भी हैं जो अन्य दलों से होकर बीजेपी में आए है. अंग्रेजी वेबसाइट हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक, शिवसेना से अपने राजनीति जीवन की शुरुआत करने वाले नारायण राणे पर मनी लॉन्ड्रिंग और जमीन घोटाले के आरोप लगे हैं. शिवसेना के बाद वो कांग्रेस में शामिल हो गए. उसके बाद उन्होंने साल 2017 में एक नई पार्टी बनाई और साल 2019 में वो बीजेपी में शामिल हो गए.
वहीं, इसके अलावा असम के मुख्यमंत्री हेमंत बिस्वा सरमा को गुवाहाटी में हुए कथित जल आपूर्ति घोटाले के आरोपों का सामना करना पड़ रहा है. इस घोटाले को लुई बर्जर केस के नाम से भी जाना जाता है. बीजेपी ने सरमा के खिलाफ एक अभियान चलाकर उन्हें एक प्रमुख संदिग्ध बताया था और बाद में वो साल 2015 में बीजेपी में शामिल हो गए और आज वह मुख्यमंत्री होने के अलावा पार्टी एक जाना माना चेहरा हैं.
ट्वीट के माध्यम से शशि थरूर (Shashi Tharoor) शायद यही कहना चाह रहे हैं कि केंद्र सरकार बीजेपी नेताओं को खाने (घोटाला, मनी लॉन्ड्रिंग) की छूट है या वे पार्टी में रहकर इन आरोपों से बचे रह सकते हैं. उनके खिलाफ कोई जांच नहीं होगी.
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