रूस ने भारत को दिया बड़ा ऑफर, जानें क्यों यूरोपीय और अमेरिकी कंपनियों के साथ नहीं करेंगे काम?
Russia: रूस और यूक्रेन के युद्ध से भारत को बहुत लाभ मिल रहा है दरअसल रूस-यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद भारत कच्चे तेल का सबसे बड़ा खरीददार बन गया है। रूस, भारत को कम कीमतों पर तेल निर्यात कर रहा है। रूस ने भारत को एक और बड़ा ऑफर दिया है। लंबे समय से यूक्रेन के साथ जारी युद्ध के कारण कई अमेरिकी और यूरोपीय कंपनियों ने रूस में अपना कारोबार बंद कर दिया है। ऐसे में रूस चाहता है कि इन कंपनियों द्वारा छोड़े गए कारोबार पर भारतीय कंपनियां टेकओवर कर लें।
अमेरिकी और यूरोपीय कंपनियों ने बंद किया कारोबार
रूस और यूक्रेन में जारी युद्ध में अमेरिका समेत कई पश्चिमी देशों ने यूक्रेन का समर्थन किया है। रूसी अर्थव्यवस्था को कमजोर करने के लिए कई पश्चिमी देश रूस पर आर्थिक प्रतिबंध लगाए हुए हैं। रॉसकांग्रेस फाउंडेशन के उप निदेशक और एसपीआईईएफ(SPIEF) के निदेशक एलेक्सी वाल्कोव का कहना है कि “ऐसे कई कारोबार हैं, जिन्हें यूरोपीय और अमेरिकी कंपनियों ने अपनी सरकार के दबाव आकर छोड़ दिया है। जिसे स्थानीय रूसी कंपनियों के अलावा चीन की कंपनियां भी टेकओवर करने के लिए तैयार हैं।”
अंग्रेजी अखबार ‘द हिंदू बिजनेसलाइन’ की रिपोर्ट के मुताबिक
Also Read: Google लाया अनोखा फीचर, कम खर्च होगा पेट्रोल, Fuel Savings में होगा फायदा
रूस ने अमेरिकी और यूरोपीय कंपनियों द्वारा छोड़े गए कारोबारों को भारतीय कंपनियों को देने में गहरी दिलचस्पी दिखाई है। रूस चाहता है कि भारतीय कॉरपोरेट कंपनियां सेंट पीटर्सबर्ग इंटरनेशल इकोनॉमिक फोरम का फायदा उठाकर यह सौदा करें और खुद को सबसे तेजी से बढ़ती यूरोपीय अर्थव्यवस्था में स्थापित करें। इस फोरम का आयोजन 5 से 8 जून 2024 के बीच होगा।
बिजनेस फोरम पर होगी बातचीत
सेंट पीटर्सबर्ग इंटरनेशल इकोनॉमिक फोरम पर टिप्पणी करते हुए वाल्कोव ने कहा कि “यह मंच पारस्परिक रूप से लाभकारी संबंध विकसित करने में रुचि रखने वाले पक्षों के बीच समान बातचीत का अवसर प्रदान करेगा।” सेंट पीटर्सबर्ग भौगोलिक रूप से तीन महाद्वीप के बीच स्थित है, इसलिए यह न केवल रूस में व्यापार करने का एक अनूठा अवसर प्रदान करेगा, बल्कि दुनिया भर में अवसरों को बढ़ाएगा। आयोजन के पहले दिन यानी 5 जून को रूस-भारत बिजनेस फोरम पर बातचीत होगी।
वाल्कोव ने कहा कि “एसपीआईईएफ एक खुला मंच है जो अपने सभी देशों की सुरक्षा सुनिश्चित कर सकता है और जरूरत पड़ने पर भागीदारी की गोपनीयता भी सुनिश्चित कर सकता है।”
Also Read: अब चोर नहीं इस्तेमाल कर पाएंगे चोरी का iPhone, Apple लाया ये नया फीचर!