जानिए उस शख्सियत के बारे में जिसने अकेले ही 6 घंटों में बचाई थी 65 लोगों की जान, इस फिल्म के जरिए लोगों के सामने आएगी उनकी कहानी
Capsule Gill: ‘द हीरो ऑफ रानीगंज’ के नाम से मशहुर सरदार जसवंत सिंह, (Jaswant Singh Gill) एक ऐसी शख्सियत जिन्होंने अपनी जान की परवाह किए बिना अकेले ही 6 घंटे में 65 लोगों की जिंदगी बचाई थीं और सभी को चकित कर दिया था। सरदार जसवंत सिंह के इस बहादूरी भरे कारनामे को पूरी दुनिया ने सराहा था। जिसके बाद सरदार जसवंत सिंह ने कैप्सूल गिल (Capsule Gill) के नाम से अपनी पहचान बना ली। आज उस ऑपरेशन को पूरे 33 साल हो गए हैं।
कैप्सूल गिल के नाम से बन रही है फिल्म
Remembering Late Sardar Jaswant Singh Gill ji for his heroic role in rescuing 65 workers from a flooded coal mine, in 1989.
We are proud of our #CoalWarriors who battle everyday against the odds to assure India's energy security.
— Pralhad Joshi (@JoshiPralhad) November 16, 2022
अब उन्हें याद करते हुए बॉलीवुड में एक फिल्म बन रही है जिसका नाम ही कैप्सूल गिल (Capsule Gill) रखा गया है। उन्हें याद करते हुए बॉलीवुड एक्टर अक्षय कुमार (Akshay Kumar) ने एक लंबा चौड़ा पोस्ट लिखा। दरअसल अक्षय कुमार इस ऑपरेशन के असली हीरो सरदार जसवंत सिंह गिल (Jaswant Singh Gill) का किरदार निभा रहे हैं।
सरदार जसवंत सिंह गिल जिन्हें कैप्सूल गिल (Capsule Gill) के नाम से भी पुकारा जाता था। जल्द ही अक्षय कुमार अपनी आने वाली फिल्म कैप्सूल गिल में सरदार जसवंत सिंह का किरदार निभाते नजर आएंगे। वैसे इस फिल्म की शुटिंग पिछले साल ही शुरू हो चुकी है। और इसका पहला लुक भी लीक हो गया है।
माइन रेस्क्यू पर आधारित है फिल्म की कहानी
यह फिल्म (Capsule Gill) कोल माइन रेस्क्यू पर आधारित है । यह फिल्म माइनिंग इंजीनियर जसवंत सिंह गिल (Jaswant Singh Gill) के जीवन पर आधारित है, जिन्होंने रानीगंज कोल फील्ड में 1989 में फंसे 65 खान मजदूरों की जान बचाई थीl अक्षय कुमार उन्हीं की भूमिका निभा रहे हैं।
अक्षय कुमार (Akshay Kumar) की फिल्म का निर्माण वासू भगनानी और जैकी भगनानी कर रहे हैं। वहीं फिल्म का निर्देशन टीनू सुरेश देसाई कर रहे हैं । अक्षय कुमार वर्तमान में इस फिल्म की शूटिंग यूके में कर रहे हैं. खबरों की मानें तो इस फिल्म का टाइटल कैप्सूल गिल रखा गया है।
कौन थे जसवंत सिंह गिल
दरअसल, जसवंत सिंह गिल कोल इंडिया लिमिटेड (Coal India Limited) के इंजीनियर हुआ करते थे। आज से करीब 33 साल (13 नवंबर 1989) पहले 13 नवंबर 1989 की वो घटना जब जसवंत सिंह गिल अपनी सेवा कोल इंडिया में दे रहे थे इस दौरन उनके कार्यकाल में पश्चिम बंगाल के रानीगंज स्थित एक कोयला खदान (Coal Mines) में बाढ़ का पानी भर गया था।
इस कारण वहाँ काम कर रहे 220 लोगों में से 6 की मौके पर ही मौत हो गई थी। जो लोग लिफ्ट के पास थे, उनको खींचकर बाहर निकाल लिया गया, लेकिन वहाँ 65 लोग फँसे रह गए थे। जब चीफ इंजीनियर जसवंत सिंह गिल को इस हादसे की खबर लगी, तो उन्होंने अपनी जान की परवाह किए बिना तुरंत उस पानी से भरी खदान में जाने का फैसला किया। उन्होंने अपनी कुशलता दिखाते हुए टीम के साथियों की मदद से रेस्क्यू ऑपरेशन किया।
ऐसे दिया रेस्क्यू ऑपरेशन को अंजाम
Capsule Gill : गिल ने सबसे पहले वहाँ मौजूद अफसरों की मदद से पानी को पम्प के जरिए बाहर निकालने की कोशिश की, लेकिन ये तरीका कारगर साबित नहीं हुआ। इसके बाद उन्होंने वहाँ कई बोर खोदे, जिससे खदान में फँसे मजदूरों को जिंदा रहने के लिए खाना-पीना पहुँचाया जा सके। उस दौरान उन्होंने एक 2.5 मीटर का लंबा स्टील का एक कैप्सूल बनाया और उसे एक बोर के जरिए खदान में उतारा। जसवंत राहत और बचाव की ट्रेनिंग ले चुके थे। इसलिए उन्होंने खदान में उतरने का फैसला किया।
उस वक्त कई लोगों ने और सरकार ने उनकी इस बात का विरोध भी किया, लेकिन जसवंत ने अपने रेस्क्यू को जारी रखा। उनके इस कदम से खदान में से एक-एक करके लोगों को उस कैप्सूल के जरिए 6 घंटे में बाहर निकाल लिया गया। जब तक सभी 65 लोगों को खदान से बाहर नहीं निकाल लिया गया, तब तक जसवंत खुद बाहर नहीं आए। यह हादसा अब तक के कोयला खदानों में हुए सबसे बड़े हादसों में से एक था।
2010 में चिली में इस कैप्सूल का किया गया इस्तेमाल
Capsule Gill: जसवंत सिंह को उनकी बहादुरी के लिए 2 साल बाद 1991 में भारत सरकार की तरफ से प्रेसिंडेट रामास्वामी वेंकटरमन के हाथों सिविलियन गेलेन्ट्री अवार्ड ‘ सर्वोंत्तम जीवन रक्षक पदक’ दिया गया। 29 नवंबर, 2009 को, उन्हें नई दिल्ली में ISMAA द्वारा भारत का पहला ‘लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड फॉर माइनिंग’ दिया गया।
साथ ही कोल इंडिया ने उनके सम्मान में 16 नवंबर को ‘रेस्क्यू डे’ डिक्लेयर किया। गिल के बनाए कैप्सूल मैथड को इसके बाद कई देशों ने इस्तेमाल किया। 2010 में चिली में आए एक भूकंप में इस कैप्सूल का इस्तेमाल हुआ था।
अमृतसर के सठियाला में जन्मे थे जसवंत सिंह गिल
Capsule Gill : बता दें कि 22 नवंबर, 1939 को पंजाब के अमृतसर के सठियाला में जन्मे जसवंत सिंह गिल ने 1959 में खालसा कॉलेज से ग्रेजुएशन की थी। गिल ने झारखंड के धनबाद स्थित आईआईटी में खनन की बारीकियाँ सीखीं। एशिया के सबसे बड़े खनन इंस्टीट्यूट का नाम तब इंडियन स्कूल ऑफ माइंस (आईएसएम) हुआ करता था। जसवंत सिंह गिल का 26 नवंबर, 2019 को उनका निधन हो गया था।