Bengaluru Metro: अब ड्राइवर बनेगा AI, बेंगलुरू में जल्द दौड़ेगी भारत की पहली बिना ड्राइवर वाली मेट्रो!
Bengaluru Metro: बेंगलुरु में बिना ड्राइवर के AI (Artificial Intelligence) से चलने वाली पहली मेट्रो बनने वाली है। बेंगलुरु मेट्रो रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड को छह ट्रेन कोच का पहला सेट मिल चुका है। यह सेट कम्युनिकेशन पर आधारित ट्रेन कंट्रोल सिस्टम का ही हिस्सा है। इसे यहां के मेट्रो नेटवर्क की येलो लाइन पर चलाया जाएगा जिसका कार्य जारी है। येलो लाइन आरवी रोड और बोम्मासांद्रा को जोड़ेगी। इसकी सुरक्षा से जुड़े टेस्ट किए जा रहे हैं।
जाम से मिलेगी राहत
दरअसल यह मेट्रो रूट बेंगलुरु के दक्षिणी हिस्से को शहर के टेक हब से जोड़ेगा, जहां इन्फोसिस, टाटा कंसल्टेंसी और विप्रो जैसी कई बड़ी कंपनियां हैं। इस मेट्रो लाइन के बनने से हसर रोड पर लगने वाले जाम से लोगों को राहत मिलेगी। वहीं पूरी तरह से एलीवेटेड इस रूट पर कुल 16 स्टेशन होंगे। यह लाइन बेंगलुरु मेट्रो की ग्रीन लाइन को पिंक लाइन से जोड़ेगी।
The first trial test of the driverless prototype train between Bommasandra and Bommanahalli stations on the Yellow line of #Bengaluru Metro was successfully carried out today, said @OfficialBMRCL @XpressBengaluru @NewIndianXpress @KannadaPrabha @maddyvoldy @KARailway pic.twitter.com/h67cRwGfIo
— S. Lalitha (@Lolita_TNIE) March 7, 2024
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ऑटोमेटिक तरीके से हर काम
बता दें कि मेट्रो को सीबीटीसी टेक्नोलॉजी से लैस किया गया है। भारतीय रेलवे की हैंडबुक के मुताबिक यह टेक्नोलॉजी एक आधुनिक संचार वाला सिस्टम है जो ट्रेन की सूचना को सही तरीके से और सही वक्त पर ट्रांसफर करने के लिए रेडियो संचार का इस्तेमाल करता है। सीबीटीसी का मतलब है कि एक ट्रेन दूसरी ट्रेन से बात कर रही है। इस ट्रेन में हर काम ऑटोमेटिक तरीके होगा। ऑपरेशंस कंट्रोल सेंटर के जरिए इसकी सुपरविजन क्षमता भी बहुत अच्छी होगी।
AI निभाएगा अहम भूमिका
इसी के तहत हर सुबह ट्रेन को कंट्रोल सेंटर से एक वेक अप कमांड दी जाएगी। उसके बाद ट्रेन के अंदर की लाइट्स खुल जाएगी और इंजन स्टार्ट हो जाएगा। ट्रेन अपनी टेक्निकल फिटनेस का पता लगाने के लिए ऑटोमेटिक सेल्फ चेक करेगी। फिर प्लेटफॉर्म पर पहुंचने से पहले अपने आप सफाई के लिए वॉशिंग स्टेशन जाएगी। रात के वक्त ट्रेन ‘स्लीप मोड’ में रहेगी। ट्रेन पर आगे और पीछे की ओर लगाए गए कैमरे आसानी से विजुअल डाटा कैप्चर कर सकेंगे और AI की मदद से सुरक्षा से जुड़ी समस्याओं का उसी समय में पता लगा पाएगा। इसके संचालन में AI अहम भूमिका निभाने वाला है।