नरोदा गाम नरसंहार मामले में सूरत कोर्ट ने 21 साल बाद सुनाया फैसला, माया कोडनानी और बाबू बजरंगी समेत सभी 86 आरोपी बरी
Naroda Gam Massacre Case Verdict: गुजरात के नरोदा गाम हिंसा (Naroda Gam Massacre) में आज गुरुवार (20 अप्रैल) को स्पेशल कोर्ट ने फैसला सुनाया है. अदालत ने मामले में पूर्व मंत्री माया कोडनानी और बाबू बजरंगी समेत कुल 69 आरोपियों को बरी कर दिया है. जबकि 18 आरोपियों की पहले ही मौत हो चुकी है.
बता दें कि नरोदा गाम हिंसा (Naroda Gam Massacre) में आज 21 साल बाद कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया है. इससे पहले कोर्ट में कड़ी सुरक्षा के बीच आरोपियों को पेश किया गया. कोर्ट में सिर्फ वकीलों ओर केस से जुड़े लोगों को ही प्रवेश दिया गया था.
क्या है पूरा मामला?
2002 Gujarat riots | All accused acquitted in Naroda Gam massacre case pic.twitter.com/vwk4qryz29
— ANI (@ANI) April 20, 2023
दरअसल 27 फरवरी 2002 को अयोध्या से लौट रही साबरमती एक्सप्रेस के डिब्बे में गोधरा के पास पेट्रोल डालकर आग लगा दी गई थी. घटना में 58 लोगों कि जिंदा जलकर मौत हो गई थी. जिसके बाद 28 फरवरी को गुजरात बंद की घोषणा की गई थी. इस दौरान अहमदाबाद समेत पूर गुजरात में सांप्रदायिक दंगा भड़क उठा था. वहीं, गुजरात बंद और दंगे के बीच नरोदा गाम में 11 लोगों को जिंदा जलाकर उनकी हत्या (Naroda Gam Massacre) कर दी गई थी.
इस मामले के आरोपियों में तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार में पूर्व मंत्री कोडनानी, बजरंग दल के पूर्व नेता बाबू बजरंगी, विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के नेता जयदीप पटेल और नरोदा पुलिस थाने के तत्कालीन पुलिस निरीक्षक वी एस गोहिल शामिल का नाम सामने आया था. जिन्हें आज सूरत की स्पेशल कोर्ट ने बरी कर दिया.
इन धाराओं के तहत दर्ज हुआ था मुकदमा
नरोदा गाम में हुई हिंसा के बाद कुल 86 लोगों के खिलाफ मुकदमा (Naroda Gam Massacre) दर्ज किया गया था. मामले में भारतीय दंड संहिता की धारा 302 (हत्या), 307 (हत्या का प्रयास), 143 (गैरकानूनी जमावड़ा), 147 (दंगा), 148 (घातक हथियारों से लैस होकर दंगा करना), 129बी (आपराधिक साजिश) के तहत मुकदमा चल रहा था.
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