विवादों के बीच शशि थरूर ने बीबीसी डॉक्यूमेंट्री को लेकर दिया बयान, कहा- गुजरात दंगों पर बात करने का नहीं कोई फायदा
Shashi Tharoor On BBC Documentary: कांग्रेस सांसद शशि थरूर (Shashi Tharoor) ने विवादित बीबीसी डॉक्यूमेंट्री पर अपनी प्रतिक्रिया दी है. कांग्रेस नेता शशि थरूर (Shashi Tharoor) ने कहा है कि उन्होंने कभी भी भारत के लोगों से 2002 के गुजरात दंगों से आगे बढ़ने के लिए नहीं कहा. थरूर ने कहा कि गुजरात दंगों के घाव अभी पूरी तरह से ठीक नहीं हुए हैं, लेकिन इस मुद्दे पर बहस करने से बहुत कम फायदा होगा.
यूजर ने किया था ये दावा
Shashi Tharoor demanded an apology from British Govt for Jallianwala Bagh massacre of 1919.
Yesterday, he asked Indians to move on from the Gujarat massacre of 2002 !
Mr Tharoor should know from his own experience and lobbying that people and nations have long memories…
— Ashok Singh Dhandari (@AshokSGarcha) January 26, 2023
दरअसल अशोक सिंह गरचा नाम के यूजर ने ट्वीट करते हुए यह दावा किया था कि- “शशि थरूर (Shashi Tharoor) ने 1919 के जालियावाला बाग हत्याकांड के लिए ब्रिटिश सरकार से माफी की मांग की. कल उन्होंने भारतीयों से 2002 के गुजरात नरसंहार से आगे बढ़ने को कहा. शशि थरूर को अपने अनुभव और पैरवी से पता होना चाहिए कि राष्ट्रों और उसके लोगों की यादें लंबी होती हैं.” जिसपर शशि थरूर (Shashi Tharoor) ने सफाई दी है.
गुजरात दंगे पर बहसे करने से कोई फायदा नहीं- शशि थरूर
I did not do that. I've repeatedly made it clear that i believe the wounds of Gujarat have not fully healed, but that given that the Supreme Court has issued a final ruling, we gain little from debating this issue when so many urgent contemporary matters need to be addressed. https://t.co/kvfcb6u27p
— Shashi Tharoor (@ShashiTharoor) January 27, 2023
यूजर के ट्वीट को रिट्वीट करते हुए शशि थरूर (Shashi Tharoor)ने कहा कि- “मैंने ऐसा नहीं कहा. मैंने बार-बार यह स्पष्ट किया है कि मेरा मानना है कि गुजरात के घाव पूरी तरह से ठीक नहीं हुए हैं, लेकिन यह देखते हुए कि सुप्रीम कोर्ट ने अपना आखिरी फैसला जारी कर दिया है, इसलिए हमें इस मुद्दे पर बहस करने से कोई फायदा नहीं होगा. देश में पहले से ही इतने सारे समकालीन मामलों को संबोधित करने की बहुत जरूरत है.”
शशि थरूर (Shashi Tharoor) ने आगे कहा कि- “मैं मानता हूं कि लोग मेरे विचार से असहमत हो सकते हैं, लेकिन सांप्रदायिक मुद्दों पर मेरे चार दशक के रिकॉर्ड और गुजरात दंगा पीड़ितों के लिए खड़े होने के दो दशक के रिकॉर्ड को तोड़-मरोड़ कर पेश करना बेहद निंदनीय है. ‘धर्मनिरपेक्ष खेमे’ के लोगों को अपने खुद के प्रति द्वेषपूर्ण होने से बहुत कम फायदा होता है.”
स्क्रीनिंग को लेकर विश्वविद्यालयों में बवाल
दिल्ली यूनिवर्सिटी में जमकर हुआ बवाल, पुलिस ने प्रदर्शनकारीयों को हिरासत में लिया #DelhiUniversity #BBCdocumentry pic.twitter.com/ZWafAspHo2
— Osama Zakaria (@Osama_Zakariaa) January 27, 2023
गौरतलब है कि ब्रिटिश ब्रॉडकास्ट बीबीसी द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर गुजरता दंगों पर आधारित ‘इंडिया द मोदी क्वेश्चन’ डॉक्यूमेंट्री बनाई है. जिसे भारत सरकार ने पीएम के खिलाफा प्रोपेगंडा करार देते हुए देश में प्रतिबंध कर दिया है. बावजूद इसके देश के कई विश्वविद्यालयों में कांग्रेस की छात्र शाखा एनएसयूआई समेत अन्य संगठनों द्वारा इसकी स्क्रीनिंग को लेकर प्रदर्शन और हंगामा किया जा रहा है. जिसपर कांग्रेस नेता शशि थरूर (Shashi Tharoor) ने भी अपनी राय रखी है.
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