विवादों के बीच जारी हुआ बीबीसी डॉक्यूमेंट्री ‘इंडिया द मोदी क्वेश्चन’ का दूसरा एपिसोड, महुआ मोइत्रा ने शेयर किया लिंक, अमेरिका ने भी बदला सुर
BBC Documentary Controversy: बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री (BBC Documentary) ‘इंडिया द मोदी क्वेश्चन’ पर शुरु हुआ विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. इस बीच सीरीज का दूसरा एपिसोड भी जारी हो चुका है. जिसका लिंक तृणमूल कांग्रेस नेता महुआ मोइत्रा ने भी अपने ट्वीटर हैंडल पर शेयर किया है. वहीं, विवादित बीबीसी डॉक्यूमेंट्री को लेकर अमेरिका ने भी अपना सुर बदलते हुए प्रतिक्रिया दी है.
महुआ मोइत्रा ने शेयर किया लिंक
Here is Episode 2 (with buffering delays)
Will post another link when they get one this removed https://t.co/lnx6IAw0Fw
— Mahua Moitra (@MahuaMoitra) January 25, 2023
इस बीच कल बुधवार (25 जनवरी) को तृणमूल कांग्रेस की नेता महुआ मोइत्रा ने बीबीसी डॉक्यूमेंट्री (BBC Documentary) ‘इंडिया द मोदी क्वेश्चन’ सीरीज का दूसरा लिंक शेयर किया. महुआ मोइत्रा ने लिंक को ट्विटर पर साझा करते हुए लिखा कि- यह रहा एपिसोड दूसरा (बफरिंग डिलेज के साथ) जब वे इसे हटा देंगे, तो दूसरी लिंक पोस्ट करूंगी. गौरतलब है कि इससे पहले भी उन्होंने विवादित सीरीज का पहला लिंक शेयर किया था. खास बात यह है कि केंद्र सरकार द्वारा सीरीज पर रोक लगाए जाने का विपक्ष जमकर विरोध कर रहा है.
देश के कई विश्वविद्यालयों में स्क्रीनिंग की मांग
#WATCH | Delhi Police detains protesters who were sloganeering outside Jamia Millia Islamia University. pic.twitter.com/bmDX4dp2Yl
— ANI (@ANI) January 25, 2023
गौरतलब है कि पिछले कुछ दिनों से भारत सरकार द्वारा प्रतिबंधित बीबीसी डॉक्यूमेंट्री (BBC Documentary) की प्रदर्शनी को लेकर दिल्ली के जेएनयू और जामिया समेत पश्चिम बंगाल और हैदराबाद के विश्वविद्यालयों में बवाल मचा हुआ है. भारत सरकार द्वारा रोक लगाए जाने के बावजूद जगह-जगह विश्वविद्यालयों में डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग की जा रही है. जिसे लेकर छात्रों के अलग-अलग गुट आपस में भीड़ रहे हैं. जिससे कई कैंपसों में तनाव का माहौल बना हुआ है.
अमेरिका ने दी प्रेस स्वतंत्रता की दुहाई
मुझे (बीबीसी) डॉक्यूमेंट्री की जानकारी नहीं है। ऐसे कई तत्व हैं जो वैश्विक रणनीतिक साझेदारी को रेखांकित करते हैं जो हमारे भारतीय भागीदारों के साथ है। अमेरिका और भारत के बीच घनिष्ठ राजनीतिक, आर्थिक और असाधारण रूप से गहरे लोगों के बीच संबंध हैं: नेड प्राइस #BBC #BBCDocumentary pic.twitter.com/8dXf7iuCme
— HASHTAG BHARAT NEWS (@HTB_tweets) January 24, 2023
वहीं, बीबीसी डॉक्यूमेंट्री (BBC Documentary) ‘इंडिया द मोदी क्वेश्चन’ पर अमेरिका ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है. अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने बदलते हुए सुर में कहा कि यह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता जैसे लोकतांत्रिक सिद्धांतों के महत्व को उजागर करने का सही समय है.
अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता नेड प्राइस ने कहा कि- “हम दुनिया भर में स्वतंत्र प्रेस के महत्व का समर्थन करते हैं. हम अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, धर्म या विश्वास की स्वतंत्रता जैसे लोकतांत्रिक सिद्धांतों के महत्व को मौलिक अधिकारों के रूप में उजागर करते हैं जो हमारे लोकतंत्र को मजबूती देने में मदद करता है. इसके जरिए ही हमने दुनिया भर से रिश्ते बनाए हैं.
प्राइस ने कहा, “आप जिस डॉक्यूमेंट्री (BBC Documentary) की बात कर रहे हैं मैं उसके बारे में नहीं जानता हूं. मैं उन साझा मूल्यों से परिचित हूं जो संयुक्त राज्य अमेरिका और भारत के दो संपन्न लोकतंत्रों को उजागर करता है.
क्या है पूरा मामला?
गौरतलब है कि ब्रिटिश ब्रॉडकास्टर बीबीसी ने गुजरात दंगों पर ‘इंडिया द मोदी क्वेश्चन’ (The Modi Question) नाम से डॉक्यूमेंट्री (BBC Documentary) बनाई थी. जिसको लेकर भारत सरकार की ओर से गंभीर सवाल खड़ा किया गया था. वहीं, विदेश मंत्रालय ने इसे देश और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ एक प्रोपेगेंडा और साजिश बताया था.
केंद्र सरकार की तल्खी के बाद डॉक्यूमेंट्री को यूट्यूब और ट्विटर पर ब्लॉक भी कर दिया गया था. हालांकि, कई डार्क वेबसाइट्स पर यह (BBC Documentary) अभी भी मौजूद है. बता दें कि इस सीरीज के पहले पार्ट में मौजूदा पीएम नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के शुरुआती दौर के राजनीतिक सफर और गुजरात दंगा 2002 को दिखाया गया था. जिसपर सरकार ने आपत्ती जताई थी.