कश्मीर फाइल्स और केरला स्टोरी के बाद अब गोधरा कांड पर आ रही है ये फिल्म, टीजर हुआ रिलीज
Accident or Conspiracy Godhra Teaser : साल 2002 में गुजरात में एक ऐसा कांड हुआ जिसे किसी ने भी सुना तो सिहर गया। 27 फरवरी 2002 में अयोध्या से लौट रहे 59 रामभक्तों को उन्मादी भीड़ ने साबरमती एक्सप्रेस की एस-6 बोगी में जिंदा जला दिया था जिनमें 10 बच्चे और27 महिलाएं भी शामिल थी जिसके बाद गुजरात में दंगे भड़क गए थे। अब इसी घटना को लेकर एक फिल्म भी आ रही है जिसका टीजर आज रिलीज किया गया।
मिली जानकारी के अनुसार इस घटना पर ‘एक्सीडेंट ऑर कॉन्सपिरेसी गोधरा’ (Accident or Conspiracy Godhra) नाम से फिल्म आ रही है। जोकि नानावती-मेहता आयोग की रिपोर्ट के तथ्यों पर आधारित है। फिलहाल इस फिल्म की रिलीज डेट अभी घोषित नहीं की गई है। इस फिल्म के डायरेक्टर एमके शिवाक्ष हैं जबकि बीजे पुरोहित और रामकुमार पाल इसे प्रोड्यूस कर रहे हैं।
फिल्म सच्ची घटनाओं पर आधारित
गौरतलब है इस फिल्म (Accident or Conspiracy Godhra) का टीजर ऐसे समय में आया है जब देश में गैर मुस्लिम लड़कियों को लव जिहाद का शिकार बनाकर आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (ISIS) में भेजने की घटनाओं पर बनी फिल्म द केरल स्टोरी (The Kerala Story) चर्चा में है। इससे पहले कश्मीर में हिंदू नरसंहार पर बनी फिल्म द कश्मीर फाइल्स (The Kashmir Files) भी काफी चर्चित हुई थी।
फिल्म (Accident or Conspiracy Godhra) का टीजर बताता है कि 2002 में हुए इस कांड की पृष्ठभूमि पर बनी यह फिल्म दंगों के कारणों की गहराई से पड़ताल करने की कोशिश करती है। फिल्म के टीजर में ये भी उल्लेख किया गया कि ये फिल्म सच्ची घटनाओं पर आधारित है। फिल्म में ये भी बताने की कोशिश की गई है कि क्या यह घटना एक सुनियोजित साजिश थी जिसके परिणामस्वरूप सांप्रदायिक दंगे हुए थे।
हम पिछले 4 वर्षों से कर रहे हैं इस फिल्म पर काम- निर्देशक
फिल्म (Accident or Conspiracy Godhra) का टीजर मुंबई में रिलीज किया गया इस दौरान निर्देशक एमके शिवाक्ष ने बताया कि हम इस विषय पर फिल्म बनाने के लिए पिछले 4 वर्षों से काम कर रहे हैं। इस दौरान हमें जो भी जानकारी मिली उसी के आधार पर हमने ये फिल्म बनाई है। उन्होंने बताया कि इस फिल्म में ऐसे तमाम सवालों के जवाब देखने को मिलेंगे जिसमें ये बताया जाता है कि ये कांड पहले से सुनियोजित था या नहीं।
वहीं इस मौके पर फिल्म (Accident or Conspiracy Godhra) के निर्माता बीजे पुरोहित ने कहा था, “लोग गोधरा कांड को 2002 में हुए हिन्दू और मुस्लिम दंगे के रूप में जानते हैं। इसके पहले का गोधरा क्या था? ऐसा कौन सा सच है, जिसे गुजरात दंगों तले दबाया गया है? ऐसा करने के पीछे किस तरह की मानसिकता रही होगी, यह सब फिल्म में दिखाया गया है।”
नानवटी कमेटी में खुलासा, मुस्लिम भीड़ ने किया था हमला
गौरतलब है कि साल 2002 के फरवरी में साबरमती एक्सप्रेस ट्रेन में आग लगने की घटना की जांच के लिए जस्टिस नानावटी कमेटी का गठन किया गया था। कमेटी ने अपनी जांच रिपोर्ट में बताया था कि “ट्रेन सुबह 7:43 पर प्लेटफार्म पर लगभग 5 घंटे देरी से आई। ट्रेन को गोधरा में लगभग 5 मिनट रुकना था।
ट्रेन पर हमला घांची मुस्लिम भीड़ ने किया। ये अनधिकृत रूप से स्टेशन पर कोल्ड ड्रिंक और अन्य खाने के सामान बेचते थे। गोधरा स्टेशन की बॉउंड्री से सटा एक इलाका है, जिसे सिग्नल फलिया कहा जाता है। यहाँ घांची मुस्लिम अच्छी संख्या में रहते हैं।”
पत्थरबाजी की फिर पेट्रोल डालकर लगा दी आग
उन्होंने रिपोर्ट में बताया था कि जैसे ही ट्रेन गोधरा स्टेशन से रवाना होने लगी उसकी चेन खींच दी गई। लगभग 1 से 2 हजार लोगों की भीड़ ने ट्रेन पर हमला कर दिया। भीड़ ने पहले पत्थरबाजी की फिर पेट्रोल डालकर उसमें आग लगा दी। इसमें 27 महिलाओं, 22 पुरुषों और 10 बच्चों की जलने से मृत्यु हो गई। इस रिपोर्ट में इस घटना को साजिश बताया गया।
मौलवी हुसैन हाजी इब्राहिम उमर पर भीड़ को भड़काने का था आरोप
प्रमुख साजिशकर्ता मौलवी हुसैन हाजी इब्राहिम उमर और ननूमियाँ थे। इन पर भीड़ को भड़काने का आरोप लगा। आरोपित रज्जाक कुरकुर के गेस्ट हाउस पर 140 लीटर पेट्रोल जमा किया गया। इसी पेट्रोल से ट्रेन जलाई गई थी।
जाँच के दौरान यह भी पता चला कि हिंसक भीड़ को उकसाने के लिए बड़े बड़े लाउडस्पीकरों का प्रयोग किया गया था। अली मस्जिद यहीं पास में थी थी। इस दौरान ‘काफिरों को मार डालो, इस्लाम खतरे में है, काट दो, मार दो’ जैसे नारे लगाए गए। हमलावरों के हाथों में तलवारें और अन्य घातक हथियार थे। वो पत्थरबाजी भी कर रहे थे। ये सभी ट्रेन को घेरने की कोशिश कर रहे थे।”
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