April 27, 2024

#World Cup 2023     #G20 Summit    #INDvsPAK    #Asia Cup 2023     #Politics

अडानी और हिंडनबर्ग मामले को लेकर 18 विपक्षी दलों का मार्च, रोके जाने पर कांग्रेस अध्यक्ष खरगे ने दी लोकतंत्र की दुहाई

0
Opposition March

Opposition March: अडानी मुद्दे को लेकर केंद्र सरकार को घेरने के लिए विपक्ष दलों ने आज मार्च (Opposition March) निकाला. 18 विपक्षी दलों ने केंद्र सरकार पर अडाणी-हिंडनबर्ग मामले पर ज्ञापन सौंपने के लिए संसद से ईडी कार्यालय तक मार्च शुरू किया. हालांकि इस बीच दिल्ली पुलिस ने उन्हें विजय चौक पर ही उन्हें रोक दिया. विपक्ष ने बीजेपी सरकार पर राजनीतिक लक्ष्यों के लिए केंद्रीय जांच एजेंसियों के कथित दुरुपयोग का आरोप लगाया है.

पुलिस ने विजय चौक के पास रोका मार्च

ईडी कार्यालय तक मार्च (Opposition March)  निकाल रहे विपक्षी दलों के नेताओं को पुलिस ने विजय चौक पर यह कहते हुए रोक दिया कि, यहां से वे आगे मार्च न करें क्योंकि धारा 144 सीआरपीसी लागू है. इस दौरान यहां किसी भी आंदोलन की अनुमति नहीं है. इसपर विपक्ष के नेताओं ने मार्च वापस ले लिया और संसद लौट गए. विपक्षी नेताओं का कहना है कि- उन्होंने ईडी से मिलने का समय मांगा है और कहा कि वे जल्द ही एक संयुक्त शिकायत पत्र जारी करेंगे.

ममता और पवार की पार्टी नहीं हुई शामिल

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे (Mallikarjun Kharge) ने मार्च के दौरान कहा कि- “हम सभी अडानी के घोटाले में एक ज्ञापन सौंपने के लिए निदेशक ईडी से मिलने जा रहे हैं. लेकिन सरकार हमें विजय चौक (Opposition March)  के पास कहीं नहीं जाने दे रही है, उन्होंने हमें रोक दिया है. लाखों रुपये का घोटाला हुआ है, एलआईसी, एसबीआई और अन्य बैंक बर्बाद हो गए हैं.” बता दें कि इस मार्च में ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस और शरद पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी शामिल नहीं हुईं.

200 लोगों को रोकने के लिए 2000 पुलिस-खरगे

पुलिस द्वारा रोके जाने पर (Opposition March)  कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे (Mallikarjun Kharge) ने कहा कि- “उन्होंने (बीजेपी) हमें यहां रोका है. हम 200 लोग हैं और कम से कम 2,000 पुलिसकर्मी हैं. वे हमारी आवाज दबाना चाहते हैं और फिर वे लोकतंत्र की बात करते हैं.”

खड़गे ने लंदन में राहुल गांधी की टिप्पणी पर विवाद का उल्लेख करते हुए कहा कि- “और अगर कोई बहस, सेमिनार में इन चीजों के बारे में बात करता है, तो उसे राष्ट्र-विरोधी कहा जाता है.”

 

ये भी पढ़ें- रेलवे के बदले जमीन घोटाले में लालू यादव समेत सभी आरोपियों को जमानत, रेल मंत्री रहने के दौरान हुआ था घोटाला, जानें पूरा मामला

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *