रेलवे के बदले जमीन घोटाले में लालू यादव समेत सभी आरोपियों को जमानत, रेल मंत्री रहने के दौरान हुआ था घोटाला, जानें पूरा मामला
IRCTC Scam : रेलवे भर्ती घोटाले में आज लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) के परिवार को बड़ी राहत मिली है. दिल्ली की रॉउज एवेन्यू कोर्ट ने आज 15 मार्च बुधवार को आईआरसीटीसी घोटाले में लालू यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी और उनकी बेटी मीसा भारती को 50 हजार रुपए के निजी मुचलके पर जमानत दे दी है. अब इस मामले की अगली सुनवाई 29 मार्च को होगी.
बता दें कि अदालत ने मामले में आज 15 मार्च को लालू यादव (Lalu Prasad Yadav) , राबड़ी देवी, बेटी मीसा भारती समेत अन्य 17 आरोपियों को पेश होने का आदेश दिया था. जिसपर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने सभी को जमानत देने का फैसला किया. मामले में सीबीआई ने भी जमानत का विरोध नहीं किया.
सीबीआई और ईडी ने की थी पूछताछ
गौरतलब है कि इससे पहले सीबीआई और ईडी की टीम ने रेलवे भर्ती घोटाले में बड़ी कार्रवाई की थी. सीबीआई ने सबसे पहले 6 मार्च को सीबीआई पटना स्थिति राबड़ी देवी के आवास पर पहुंची थी जहां उसने पूर्व सीएम से कई घंटों तक पूछताछ की थी. अगले ही दिन 7 मार्च को सीबीआई की टीम मीसा भारती और लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) से भी पूछताछ की थी.
वहीं, पूछताछ के तीन दिन बाद ईडी की टीम ने दिल्ली से लेकर पटना तक लालू यादव के परिवार और करीबियों के करीब 15 ठिकानों पर छापेमारी भी की थी. ईडी ने यह दावा किया था कि उसे छानबीन के दौरान 600 करोड़ के आर्थिक अपराध का पता चला है. जिसमें, 1 करोड़ कैश, 1900 डॉलर, 540 ग्राम सोना और 1.5 किलो सोने के आभूषण बरामद हुआ है.
क्या है पूरा मामला?
लालू यादव द्वारा किए गए इस कथित घोटाले का पूरा मामला रेलवे भर्ती से संबंधित है. उस समय लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) देश के रेल मंत्री थे. घोटाले में पहली बार 23 सितंबर 2021 को सीबीआई ने जांच शुरु की थी. जिसमें घोटाले की बात सामने आई थी.
आरोप है कि जब राजद प्रमुख लालू यादव रेल मंत्री थे तो रेलवे में नौकरी दिलाने के लिए कई जगह जमीन ली गई थी. जिसमें लालू यादव, पत्नी राबड़ी देवी (Rabri Devi) और परिवार के अन्य सदस्य और उनके करीबियों के नाम से जमीन ली गई थी.
बिना विज्ञापन के दी गई नौकरी
आरोप है कि लालू यादव (Lalu Prasad Yadav) ने परिजनों के नाम पर नौकरी के बदले जमीनें रिश्वत में ली थी. इसके साथ ही उन्होंने रेल मंत्री रहते हुए ही बिना कोई विज्ञापन जारी कर रेलवे में ग्रुप-डी की नौकरी के लिए कई लोगों की भर्ती की थी. मामले में यह भी साफ हुआ कि जिन लोगों को ये नौकरी मिली उन्हें अपनी जमीन तक देनी पड़ी.
कई लोगों को तो आवेदन देने के 3 दिन में ही नौकरी दे दी गई थी. इसके तहत लोगों को जबलपुर, मुंबई, छत्तिसगढ़ और जयपुर आदि जगहों पर लगाया गया था. इस मामले में आज कोर्ट से लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) समेत अन्य आरोपियों को जमानत मिल गई.
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