April 28, 2024

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“भगवान राम के बिना भारत की कल्पना संभव नहीं”, मध्य प्रदेश के स्कूलों में बच्चों को दी जाएगी रामचरित मानस और श्रीमद्भगवद्गीता की शिक्षा

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Shivraj Singh Chauhan on religious texts

 मध्य प्रदेश : राज्य के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chauhan) ने राज्य के स्कूलों में गीता और रामायण की शिक्षा दिए जाने की बात कही है. उन्होंने यह घोषणा सुद्योग दर्शन कार्यक्रम में किया है. शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chauhan) ने कहा कि हम सरकारी स्कूलों में हिंदू धर्म के तमाम पवित्र ग्रंथों (Dharm granth) की शिक्षा देंगे.

इस दौरान विद्यालयो में गीता का सार, रामयाण, रामसेतु और महाभारत के प्रसंग पढ़ाया जाएगा. इन पवित्र ग्रंथों की शिक्षा देकर हम अपने बच्चों को पूर्ण और नैतिक बनाएंगे.

धर्म ग्रंथों की शिक्षा जरुरी- शिवराज सिंह चौहान

बता दें कि भोपाल में आयोजित सुघोष दर्शन कार्यक्रम में सीएम शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chauhan) ने कहा कि- “नई शिक्षा नीति में यह तय किया गया है कि अब बच्चों को मातृभाषा में शिक्षा दी जाएगी. मध्य प्रदेश की धरती पर मेडिकल और इंजीनियरिंग की पढ़ाई भी हिंदी में करवाई जाएगी.”

उन्होंने कहा कि-“हमारे धर्म ग्रंथ में रामायण हो, महाभारत हो, वेद हों, उपनिषद हों, श्रीमद्भगवद्गीता ये वो अमूल्य ग्रंथ हैं जो, मनुष्य को नैतिक बनाने, मनुष्य को पूर्ण बनाने, संपूर्ण बनाने की क्षमता रखते हैं. इसलिए हमारे धर्म ग्रंथों की शिक्षा जरुरी है. शासकीय विद्यालयों में गीता जी का सार पढ़ाएंगे, रामचरितमानस जी पढ़ाएंगे, महाभारत के प्रसंग पढ़ाएंगे.”

राम के बिना भारत की कल्पना संभव नहीं- सीएम

सीएम शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chauhan) ने धार्मिक ग्रंथों की आलोचना करने वालों को भी आड़े हाथों लिया. उन्होंने कहा कि- “देश में कुछ लोग ऐसे हैं, जिन्हें हमारी संस्कृति, परंपरा, अध्यात्म और धर्म की आलोचना करने में आनंद आता है. वे नहीं जानते कि वे देश का कितना नुकसान कर रहे हैं.

भगवान राम के बिना सिर्फ ये देश ही नहीं जाना जाता है, बल्कि राम हमारे रोम-रोम में बसे हैं. सुख हो या दुख हर समय हमारे यहां राम का ही नाम लिया जाता है.” उन्होंने कहा कि- “राम के बिना भारत की कल्पना करना भी संभव नहीं है.”

इन नेताओं ने दिया था विवादित बयान

Swami Prasad Maurya
गौरतलब है कि कुछ दिनों पहले बिहार के शिक्षामंत्री चंद्रशेखर ने पवित्र ग्रंथ रामचरित मानस को बेकार बताते हुए उसे जला देने की बात कही थी. वहीं,हालही में सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने रामचरित मानस (Ramcharitmanas) को लेकर विवादित बयान दिया था. जिसके बाद देश भर में सियासत हलचल तेज हो गई है.

स्वामी प्रसाद मौर्य ने रविवार 22 जनवरी को कहा था कि- कई करोड़ लोग रामचरित मानस को नहीं पढ़ते. यह तुलसीदास (Tulsidas) ने अपनी खुशी के लिए लिखा है. सरकार को रामचरित मानस के आपत्तिजनक अंश हटाना चाहिए या इस पूरी पुस्तक को ही बैन कर देना चाहिए. वहीं, अब शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chauhan) ने राज्य के स्कूलों में धार्मिक ग्रंथों को पढ़ाने की घोषणा कर इन जैसे सोच रखने वालों के लिए करारा जवाब दिया है.

 

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