“The Kerala Story” पर विवादों का दौर जारी, अब इस NCP नेता ने फिल्म निर्देशक पर दिया विवादित बयान, हिंदू त्यौहारों पर भी कर चुके हैं टिप्पणी
The Kerala Story : देश में फिल्म The Kerala Story को लेकर लगातार राजनीतिक घमासान जारी है जहां कुछ राज्य इस पर बैन लगा रहे हैं वहीं कुछ राज्य इस को टैक्स फ्री कर रहे हैं। इस बीच आज महाराष्ट्र में शरद पवार की राष्ट्रवादी काॅन्ग्रेस पार्टी (NCP) के विधायक जितेंद्र आव्हाड (Jitendra Awhad) ने फिल्म द केरल स्टोरी (The Kerala Story) के निर्माता को सार्वजनिक तौर पर फाँसी देने की डिमांड की है।
ये वही नेता हैं जिन्होंने इससे पहले हिंदू त्योहारों को दंगों का कारण बताया था और आतंकी इशरत जहाँ के नाम पर एंबुलेंस सेवा की शुरुआत भी की थी। हाल ही में जब पवार ने एनसीपी अध्यक्ष पद छोड़ने का ऐलान किया था तो उनके समर्थन में इस्तीफा देने वालों में भी आव्हाड थे।
एक राज्य की महिलाओं को किया जा रहा है बदनाम
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जितेंद्र आव्हाड ने कहा, “द केरल स्टोरी (The Kerala Story) के नाम पर एक राज्य और वहाँ की महिलाओं को बदनाम किया जा रहा है। आधिकारिक आँकड़ा 3 का था, लेकिन इसे 32000 के तौर पर पेश किया गया। इस काल्पनिक फिल्म को बनाने वाले को सार्वजिनक रूप से फाँसी देना चाहिए।” उल्लेखनीय है कि द केरल स्टोरी का निर्देशन सुदीप्तो सेन ने किया है जबकि इसके निर्माता विपुल अमृतलाल शाह हैं।
‘द केरल स्टोरी’ को कहा था ‘झूठी फिल्म’
केरळच्या नावाने प्रदर्शित झालेला चित्रपट हा खोटारडेपणाच्या परमोच्च स्थानावर आहे. सत्य परिस्थिती केरळची वेगळीच आहे. परदेशातून भारतात येणारा जो पैसा आहे त्याच्यातील 36 टक्के पैसा हा केरळचे नागरिक पाठवतात. मागच्या वर्षी त्यांनी 2.36 लाख कोटी रुपये पाठवले. केरळचा साक्षरतेचा दर 96… pic.twitter.com/86TZ8nnGK2
— Dr.Jitendra Awhad (@Awhadspeaks) May 8, 2023
इससे पहले जितेंद्र आव्हाड ने एक ट्वीट में केरल की साक्षरता समेत अन्य मुद्दों का जिक्र करते ‘द केरल स्टोरी’ को ‘झूठी फिल्म’ करार दिया था। उन्होंने लिखा था फिल्म में जैसा दिखाया गया है, सच्चाई उसके उलट है। 32000 महिलाओं का आँकड़ा फिल्म चलाने के लिए बताया जा रहा है।
इस फिल्म (The Kerala Story) में यह दिखाने की कोशिश की गई है कि महिलाएँ मूर्ख हैं और उन्हें कुछ भी समझ नहीं आता। फिल्म में महिलाओं को पुरुषों से कमजोर दिखाया गया है। यही फिल्म की सच्चाई है। इस तरह की फिल्में नफरत और हिंसा फैलाकर चुनाव जीतने के लिए बनाई जाती हैं।
इससे पहले भी रह चुके हैं विवादों का हिस्सा
बता दें कि 2016 में मुंबई में लश्कर-ए-तैयबा आतंकी इशरत जहाँ के नाम पर एंबुलेंस सेवा शुरू की गई थी। इसकी उद्घाटन में भी आव्हाड भी शामिल हुए थे। यही नहीं, आव्हाड हिंदुओं के प्रमुख त्योहार राम नवमी और हनुमान जयंती को दंगों की वजह बता चुके हैं। उन्होंने कहा था कि लगता है जैसे रामनवमी और हनुमान जयंती सिर्फ दंगों के लिए ही मनाई जाती है।
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