जोशीमठ त्रासदी को लेकर अलर्ट मोड़ पर सरकार, दरार आए घरों और इमारतों पर लाल निशान लगाकर गिराने की तैयारी
Joshimath Tragedy: उत्तराखंड के जोशीमठ में हो रहे भूमि धंसाव (Joshimath Tragedy) को लेकर हर पल खतरा बढ़ता ही जा रहा है. अब तक वहां पर करीब 700 से अधिक घरों में दरारे आई है. वहीं, इसके अलावा कई जगहों पर जमीन धसने की भी खबर सामने आ रही है. जोशीमठ भू धंसाव (Joshimath Tragedy) को लेकर प्रशासन भी अलर्ट मोड़ पर है.
131 परिवारों को निकाला गया सुरक्षित
रो रहा है जोशीमठ,दरक रहा है जोशीमठ।
कोई तो बचा लो जोशीमठ को। pic.twitter.com/qONaqHQuUy
— Sagar Kumar “Sudarshan News” (@KumaarSaagar) January 10, 2023
प्रशासन ने अभी तक 100 से ज्यादा परिवारों को सुरक्षित स्थान पर निकाला है. वहीं, कई जगह घरों और होटलों को गिराने की तैयारी में लगी हुई हैं. जिसके लिए दरार आई घरों और इमारतों पर लाल क्रॉस (असुरक्षित ) का निशान लगा रहा है. जिसे गिराया जाएगा.
वहीं, दूसरी ओर प्रशासन द्वारा घरों और इमारतों पर लगाए जा रहे लाल निशान का स्थानीय लोग विरोध कर रहे हैं. लोगों का कहना है कि वह किसी भी किमत पर अपने घर को छोड़कर नहीं जा सकते. हालांकि प्रशासन की टीम उन्हें समाझा-बुझाकर वहां से सुरक्षित स्थान पर ले जाने का प्रयास कर रही है. रिपोर्ट्स के मुताबिक जोशीमठ (Joshimath Tragedy) से अभी तक 131 परिवार को वहा से सुरक्षित स्थान पर निकाला गया है.
पीड़ितो को उचित मुआवजा देगी सरकार
जोशीमठ में आपदा से पहले पुनर्वास का घनघोर संकट कदम पर कदम पर पसरा है। मैडम @nsitharaman जी, आपके सामने ये रिपोर्ट रख रही हूं, जिनका घरबार, व्यापार, आजीविका ठप हो गई है..और भविष्य पर अनिश्चितता के बादल हैं प्लीज उनकी EMI अभी हॉल्ट करिए। @nsitharamanoffc @PMOIndia #Joshimathcrisis pic.twitter.com/SkAR6n05fR
— Meenakshi Kandwal मीनाक्षी कंडवाल (@MinakshiKandwal) January 11, 2023
प्रशासन ने जोशीमठ त्रासदी (Joshimath Tragedy) में पीड़ितों को मुआवजा देने का एलान किया है. उत्तराखंड के मुख्य सचिव एसएस संधू ने एनसीएमसी को मौजूदा स्थिति से अवगत कराया और बताया कि गंभीर रूप से प्रभावित घरों के निवासियों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है.
बयान में कहा गया है कि प्रभावित परिवारों को समायोजित करने के लिए जोशीमठ और पीपलकोटी में राहत आश्रयों की पहचान की गई है और राज्य सरकार उचित मुआवजा और राहत उपाय प्रदान करा रही है.
हर साल 2.5 इंच धंस रहा है जोशीमठ
जोशीमठ क्यों धंस रहा है…सुनिये #Dangal @chitraaum के साथ | पूरा शो: https://t.co/hjW6TYFAZ2 #ATVideo #ATHighlights #Joshimath pic.twitter.com/tngf9PsI9b
— AajTak (@aajtak) January 9, 2023
जोशीमठ में अचानक घरों में आई दरारों (Joshimath Tragedy) को लेकर इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ रिमोट सेंसिंग ने एक अध्ययन में पाया कि जोशीमठ और इसके आसपास के इलाके हर साल 6.5 सेमी या 2.5 इंच की दर से धंस रहे हैं. देहरादून स्थित संस्थान क्षेत्र के सैटेलाइट डाटा के उपयोग से इसकी गतिविधियों पर निगरानी रखी जा रही है.
रिपोर्ट्स के मुताबिक फिलहाल जोशीमठ की हालत बहुत ही संवेदनशील है. जोशीमठ में हर साल कुछ समय के लिए मंदिर पानी में डूबे रहते हैं. इस बीच जोशीमठ की इमारतों और सड़कों में बड़े पैमाने पर आईं दरारों ने बड़ा संकट खड़ा कर दिया है.