WHO Report: कोरोना से भी बड़ा खतरा बन सकता है मेंटल हेल्थ, जानिए क्या कहती है डब्लूएचओ की रिपोर्ट ?

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WHO Report: डब्लूएचओ (WHO) ने दुनिया में बढ़ती मानसिक बीमारियों को लेकर एक रिपोर्ट जारी की है। जिसमें इसे सबसे तेजी से फैलने वाली बीमारी बताया गया है, ये लोगों की जिंदगी और अर्थव्यवस्था पर भी असर डाल रही है। एंग्जाइटी, डिप्रैशन सबसे ज्यादा कॉमन मेंटल हेल्थ से जुड़ी बीमारियां हैं जो पूरी दुनिया में तेजी से फैल रही है।
कम इनकम वाले देशों में ज्यादा
मेंटल हेल्थ से जुड़ी बीमारी उन देशों में ज्यादा है जहां लोगों की इनकम नॉर्मल या थोड़ा कम है। लेकिन मेंटल हेल्थ से जुड़े केस हाई इनकम वाले देशों में ज्यादा रिपोर्ट किये जाते हैं। इसके पीछे वजह है कि विकसित देशों में इस बीमारी को लेकर ज्यादा जागरुकता है लेकिन विकासशील और लो इनकम वाले देशों के लोगों में इतनी ज्यादा जागरुकता नहीं है। जानिए इस रिपोर्ट (WHO Report) में और क्या बातें सामने आयी हैं।
कोरोना के कारण हुई केस में बढ़ोतरी
डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट के अनुसार (WHO Report) कोरोना ने डिप्रेशन और एंग्जाइटी को और बढ़ाया है। जिन देशों में सबसे ज्यादा कोरोना के केस रहे वहां मेटल हेल्थ के केस 1 साल में 26 से 28% ज्यादा बढ़ गये। 2019 के एक डेटा के मुताबिक पूरी दुनिया में 13% लोग मेंटल हेल्थ से जुड़ी बीमारियों से जूझ रहे हैं। 13% का ये आंकड़ा करीब 1 बिलियन है।
इसमें से 82% लोग मिडिल या लो इनकम वाले देशों में हैं जहां मानसिक बीमारी को लेकर बहुत स्वास्थ्य सेवाएं बहुत कम हैं या बेकार हैं।इस रिपोर्ट के मुताबिक 50% से ज्यादा महिलाओं को डिप्रेशन और एंग्जाइटी है वहीं पुरुषों में मेंटल डिसऑर्डर के केस ज्यादा आते हैं। बच्चों में डवलपमेंट डिसऑर्डर सबसे कॉमन मानसिक बीमारी है।
इकॉनोमी पर भी बुरा असर
मेंटल हेल्थ से जुड़ी बीमारी इकॉनमी पर भी बुरा असर डाल रही है। 2.5 ट्रिलियन डॉलर मानसिक बीमारियों पर खर्च होता है जिसमें से करीब 1 ट्रिलियन डॉलर डिप्रेशन और एंग्जाइटी पर खर्च हो गये। वर्ल्ड इकनॉमिक फोरम के मुताबिक 2030 तक मानसिक बीमारियों पर कम से कम 6 ट्रिलियन डॉलर खर्च होगा।