राष्ट्रपति चुनाव में कौन डालता है वोट, किसके वोट की कितनी होती है अहमियत ? समझें पूरी प्रक्रिया

Presidential Election
Presidential Election : भारत में आज राष्ट्रपति चुनाव का मतदान हो रहा है. हालांकि राष्ट्रपति चुनाव के नतीजे गुरुवार 21 जुलाई को आएंगे, जिसके बाद पता चलेगा कि भारत का अगला व 15वा राष्ट्रपति कौन होगा .? 1971 की जनसंख्या को आधार मानते हुए, जनता की जगह जनता के चुने हुए प्रतिनिधि राष्ट्रपति का चुनाव करते हैं. बता दें कि राष्ट्रपति चुनाव की वर्तमान व्यवस्था साल 1974 से चल रही है, जो वर्ष 2026 तक लागू रहेंगी.
कौन डालता है राष्ट्रपति चुनाव में वोट ?
राष्ट्रपति का चुनाव (Presidential Election) निर्वाचन अप्रत्यक्ष मतदान से होता है, जो कि एक निर्वाचन मंडल या इलेक्टोरल कॉलेज करता है. जिसमें संसद के दोनों सदनों तथा राज्यों की विधानसभाओं के निर्वाचित सदस्य शामिल होते हैं. इसके अलावा दो केंद्रशासित प्रदेशों, दिल्ली और पुद्दुचेरी, के विधायक भी चुनाव में हिस्सा लेते हैं जिनकी अपनी विधानसभाएँ हैं.
हर एक सदस्य के वोट की अहमियत यानी वैल्यू अलग-अलग होती है. एक सांसद के वोट की वैल्यू 708 होती है. लेकिन इस बार जम्मू-कश्मीर में विधानसभा न होने की वजह से सांसदों के वोट की वैल्यू घटकर 700 रह गई है. बता दें कि विधायकों के वोट की वैल्यू उस राज्य की आबादी और सीटों की संख्या पर निर्भर होती है.