यूपी के मिड डे मील में हुआ घोटाला, टीचर ने किया 11 करोड़ रुपए का गोलमाल

फिरोजाबाद में मिड डे मील में हुआ करोड़ों का घोटाला
UP Mid Day Meal Scam : सरकार की ओर से सरकारी स्कूल में सभी बच्चों को मध्यान्ह (Mid-Day) भोजन दिया जाता है, ताकि स्कूल में रोजाना बच्चे आयें और उन्हें पर्याप्त पोषण मिलता रहे. इस योजना को सरकार ने मिड डे मील (Mid Day Meal) का नाम दिया हैं. हालांकि सरकार की इस योजना में कई बार घोटाला हुआ है और इस बार फिरोजाबाद में करोड़ों का घोटाला हुआ है.
2008 से 2014 के बीच हुआ घपला
बता दें कि यूपी के फिरोजाबाद में एक टीचर ने 11 करोड़ रुपए से अधिक का घोटाला किया है. विजिलेंस टीम ने अपनी जांच में पाया कि ये घोटाला (UP Mid Day Meal Scam) वर्ष 2008 से 2014 के बीच हुआ है. बहरहाल इस खबर के सामने आते ही शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया.
जाने क्या है पूरा मामला
UP Mid Day Meal Scam : साल 2006 में, प्राइमरी स्कूल शिकोहाबाद में कार्यरत सहायक अध्यापक चंद्रकांत शर्मा ने एक समिति का गठन किया था, जिसका नाम सारस्वत आवासीय शिक्षा समिति रखा गया था. और इसका रजिस्ट्रेशन सोसाइटी एक्ट के तहत कराया गया था.
गौरतलब है कि साल 2008 से 2014 तक इस समिति को फिरोजाबाद जिले में मिड-डे-मील योजना के तहत 11,46,40,384 रुपए की रकम का भुगतान किया गया था. बहरहाल इस रकम को अध्यापक चंद्रकांत ने पहले शिकोहाबाद के पंजाब नेशनल बैंक में जमा कराया और फिर वहां से कई अन्य बैंकों में सुनील शर्मा के नाम से खोले गए फर्जी खातों में ट्रांसफर किया.
घोटाले की रकम से कई जगहों पर खरीदी गई संपत्ति
इसके अलावा विजिलेंस जांच में ये भी सामने आया है कि चंद्रकांत शर्मा ने घोटाले (UP Mid Day Meal Scam) के पैसों से आगरा समेत कई जगहों पर संपत्ति खरीदी और अवैध भवन भी तैयार किया है.
बता दें कि इस घोटाले को सफल बनाने के लिए कई विभागों के लोगों ने शर्मा का साथ दिया है. सारस्वत आवासीय शिक्षा समिति में चंद्रकांत ने खुद को सुनील शर्मा बताया और कोषाध्यक्ष का पद लिया व अपनी पत्नी बेबी को इस समिति की अध्यक्ष बनाया.
इसी के साथ उन्होंने कागजों में अपने माता-पिता को मृत दिखाया, जबकि उसके माता-पिता जीवित थे. बहरहाल चंद्रकांत इस समय प्राथमिक विद्यालय जाजपुर (टूंडला) में प्रधानाध्यापक के पद पर सेवाएं दे रहें है.
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