Uddhav Thackeray
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President Election: महाराष्ट्र में हुए सत्ता परिवर्तन के बाद कयास लगाए जा रहें थे कि 18 जुलाई को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में उद्धव ठाकरे एनडीऐ की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू (Draupadi Murmu) को समर्थन नहीं देंगे लेकिन हालही में आई खबर ने सबकों चौका दिया है. उम्मीद थी कि उद्धव, विपक्ष के संयुक्त उम्मीदवार यशवंत सिन्हा का समर्थन करेंगे. परन्तु शिवसेना के करीबन 16 सांसदों ने कहा है कि वह द्रौपदी (Draupadi Murmu) को समर्थन दें. हालांकि संजय राउत की राय इससे जुदा थी.

दवाब में मुर्मू का समर्थन करना किया स्वीकार

Draupadi Murmu

शिवसेना के राज्यसभा सांसद संजय राउत (Sanjay Raut) ने कई मौकों पर ऐसे संकेत दिए है, कि उनकी पार्टी का विरोधी पार्टी से कोई मतलब नहीं है लेकिन अब आई खबरों ने सभी अटकलों पर विराम लगा दिया है. सूत्रों के अनुसार, कई विधायकों के शिंदे गुट में जाने के बाद, बाकी बचे सांसदों के भी शिंदे गुट में जाने की बात सामने आ रही थी. जिसको देखते हुए, और कोई टूट से बचने के लिए ठाकरे ने मुर्मू (Draupadi Murmu) का समर्थन करने का फैसला स्वीकार किया.

बता दें कि कल मातोश्री में शिवसेना की एक बैठक हुई थी, जिसमें करीबन 16 सांसदों ने उनकी (Draupadi Murmu) के समर्थन की बात कहीं लेकिन राउत (Sanjay Raut) की राय इनसे जुदा थी. लेकिन आखिर में उन्होंने भी अंतिम फैसला उद्धव ठाकरे पर ही छोड़ दिया. जिसके बाद उम्मीद है कि शिवसेना कार्यालय से कल तक समर्थन पत्र भी जारी हो सकता है.

द्रौपदी का समर्थन करना बीजेपी का समर्थन नहीं… संजय राउत 

Draupadi Murmu

उद्धव ठाकरे के द्रौपदी (Draupadi Murmu) के समर्थन की बात बाहर आते ही संजय राउत का भी बयान सामने आया. उन्होंने कहा है,

‘द्रौपदी मुर्मू का राष्ट्रपति पद के लिए समर्थन का यह मतलब नहीं है कि वे बीजेपी का समर्थन कर रहे हैं. शिवसेना के यशवंत सिन्हा से अच्छे संबंध हैं लेकिन लोगों की भावनाओं का भी सम्मान करना चहिए. और ऐसा भी नहीं है कि शिवसेना ऐसे फैसले पहली बार ले रही हो.’

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