मुलायम सिंह यादव को पद्म विभूषण दिए जाने पर भड़के स्वामी प्रसाद मौर्य, कहा- सरकार ने पुरस्कार देकर किया है नेता जी का अपमान
लखनऊ: समाजवादी पार्टी के एमएलसी स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) ने सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव को पद्म विभूषण दिए जाने पर विरोध जताया है. पुरस्कार पर प्रतिक्रिया देते हुए सपा विधायक (Swami Prasad Maurya) ने ट्वीट कर कहा कि- भारत सरकार ने नेताजी मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh Yadav) को मरणोपरांत पद्म विभूषण पुरस्कार देकर, नेताजी द्वारा राष्ट्र के प्रति किये गये योगदान का उपहास उड़ाया है.
मुलायम सिंह को मिले भारत रत्न- स्वामी प्रसाद मौर्य
भारत सरकार ने नेताजी श्री मुलायम सिंह यादव को मरणोपरांत पद्म विभूषण पुरस्कार देकर, नेताजी के व्यक्तित्व, कृतित्व एवं राष्ट्र के प्रति किये गये योगदान का उपहास उड़ाया है। यदि नेताजी को सम्मान देना ही था तो भारत रत्न के सम्मान से सम्मानित करना चाहिए था।
— Swami Prasad Maurya (@SwamiPMaurya) January 26, 2023
बता दें कि सरकार द्वारा बुधवार (25 जनवरी) को सपा के संरक्षक और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh Yadav) को मरणोपरांत देश के दूसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म विभूषण से नवाजा. जिसपर स्वामी प्रसाद मौर्य ने पार्टी (Swami Prasad Maurya) के अन्य नेताओं से मांग की कि समाजवादी पार्टी के संस्थापक को देश के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार भारत रत्न से सम्मानित किया जाए.
स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) ने ट्वीट करते हुए कहा कि- “भारत सरकार ने नेताजी श्री मुलायम सिंह यादव को मरणोपरांत पद्म विभूषण पुरस्कार देकर, नेताजी के व्यक्तित्व, कृतित्व एवं राष्ट्र के प्रति किये गये योगदान का उपहास उड़ाया है. यदि नेताजी को सम्मान देना ही था तो भारत रत्न के सम्मान से सम्मानित करना चाहिए था.”
रामचरित मानस को लेकर दिया था विवादित बयान
'ऐसे धर्म का सत्यानाश हो जो हमारा सत्यानाश चाहता है'
रामचरितमानस विवाद पर आक्रोशित नज़र आ रहे हैं स्वामी प्रसाद मौर्य। उन्होंने यूपी Tak से बातचीत में कहा कि इस ग्रंथ को (रामचरितमानस) बैन कर देना चाहिए।#SwamiPrasadMaurya | @aap_ka_santosh
पूरा वीडियो: https://t.co/Q69cz7ucYk pic.twitter.com/I92x8MOzhJ
— UP Tak (@UPTakOfficial) January 22, 2023
गौरतलब है कि पिछले दिनों एक चैनल से बातचीत करते हुए स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) ने रामचरित मानस (Ram Charit Manas) पर विवादित टिप्पणी करते हुए ग्रंथ को प्रतिबंधित करने की मांग की थी. मौर्य ने कहा था कि- “रामचरित मानस में कुछ ऐसे विवादित अंश हैं जिन्हें निकाल देना चाहिए.”
उन्होंने कहा था कि- “तुलसीदास रचित श्रीरामचरित मानस की एक चौपाई है जिसमें कहा गया है कि- ‘ढोल-गंवार शूद्र पशु नारी, सकल ताड़ना के अधिकारी’ महिलाएं सभी वर्ग की हैं, क्या उनकी भावनाएं आहत नहीं हो रहीं हैं. ऐसे में इस तरह की पुस्तकों को जब्त किया जाना चाहिए.”
स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) की इस टिप्पणी से साधु, संतो और हिंदू संगठनों में काफी नाराजगी है. जगह-जगह जिसे लेकर उनके खिलाफ नारेबाजी और उनका पुतला फूंका जा रहा है.