April 24, 2024

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द केरल स्टोरी को लेकर पश्चिम बंगाल को सुप्रीम कोर्ट से झटका, कोर्ट ने दिए ये आदेश

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The Kerala Story

The Kerala Story : द केरल स्टोरी को लेकर चल रहे विवाद के बीच पश्चिम बंगाल की ममता सरकार को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। कोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार को एक आदेश जारी कर फिल्म (The Kerala Story) पर लगे बैन को हटाने को कहा है।

कोर्ट ने दिए बैन हटाने के आदेश

आपको बता दें कि लव जिहाद और धर्मांतरण के बाद लड़कियों को आतंकी गतिविधियों में धकेलने पर बनी फिल्म द केरल स्टोरी (The Kerala Story) पर पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा लगाए गए प्रतिबंध पर रोक लगा दी थी और दलील दी थी कि फिल्म से राज्य में सांप्रदायिक दंगों का डर है। पश्चिम बंगाल के अलावा तमिलनाडु सरकार ने भी फिल्म पर बैन लगा दिया था जिसके बाद फिल्म के निर्माता और निर्दैशक ने सुप्रीम  कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।

इस फिल्म के निर्माता ने राज्य में इस फिल्म को ना दिखाने के सरकार के फैसले के खिलाफ याचिका दी थी। उन्होंने अपनी याचिका में निर्माता ने पश्चिम बंगाल सिनेमा (विनियमन) अधिनियम, 1954 की धारा 6 (1) की संवैधानिकता को भी चुनौती दी है, जिसके तहत पश्चिम बंगाल सरकार ने फिल्म पर प्रतिबंध लगाने का आदेश जारी किया था।

लोगों को फिल्म दिखाएं और सुरक्षा मुहैया करवाएं

The Kerala Story

इस दौरान कोर्ट ने तमिलनाडु सरकार के उस बयान को भी सुना, जिसमें कहा गया कि तमिलनाडु में फिल्म के प्रदर्शन पर प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से कोई प्रतिबंध नहीं है। तमिलनाडु सरकार के एडवोकेट जनरल के बयान को रिकॉर्ड करने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु सरकार को आदेश दिया कि जिन सिनेमाघरों में यह फिल्म (The Kerala Story) दिखाई जा रही है, उसे और उसमें फिल्म देखने आने वाले लोगों को वह सुरक्षा मुहैया कराए।

फिल्म में उचित डिस्क्लेमर जरूरी- सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को आदेश देते हुए कहा कि फिल्म ‘द केरला स्टोरी’ (The Kerala Story) में उचित डिस्क्लेमर होना चाहिए। फिल्म निर्माताओं की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे ने कहा कि 20 मई की शाम 5 बजे तक डिस्क्लेमर जोड़ा जाएगा। हरीश साल्वे ने कहा कि फिल्म में डिस्क्लेमर – “इस बात को साबित करने के लिए कोई प्रामाणिक डेटा उपलब्ध नहीं है कि धर्मांतरण के 32,000 या कोई अन्य आँकड़ा हैं” और “फिल्म इस मुद्दे के काल्पनिक संस्करण का प्रतिनिधित्व करती है” – जोड़ा जाएगा।

बंगाल सरकार का निर्णय दृष्टया व्यापकता से ग्रस्त लगता है-कोर्ट

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वहीं भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जस्टिस जीबी परदीवाला की बेंच ने इस मामले को अगली सुनवाई तक टाल दिया है अगली सुनवाई जुलाई 2023 में होनी है। पीठ ने अंतरिम आदेश में कहा कि पश्चिम बंगाल सरकार का निर्णय दृष्टया व्यापकता से ग्रस्त लगता है।

इससे पहले बुधवार सुप्रीम कोर्ट में को सुनवाई के दौरान फिल्म को लेकर पश्चिम बंगाल की ओर पेश अधिवक्ता ने तर्क दिया था कि केरल की इस कहानी में अभद्र भाषा का प्रयोग किया गया है और यह फिल्म हेरफेर किए गए तथ्यों पर आधारित है। इससे राज्य में सांप्रदायिक वैमनस्य और कानून व्यवस्था से संबंधित स्थिति खड़ी हो सकती है। राज्य सरकार ने कहा कि फिल्म पर प्रतिबंध खुफिया सूचनाओं पर आधारित एक नीतिगत निर्णय है।

इससे याचिकाकर्ताओं के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन नहीं हुआ है। और इससे याचिकाकर्ता के वित्तीय नुकसान को मौलिक अधिकारों का उल्लंखन नहीं बताया जा सकता है। इसके अलावा, राज्य सरकार ने यह भी तर्क दिया कि पश्चिम बंगाल सिनेमा (विनियमन) अधिनियम के रूप में संवैधानिकता की एक धारणा है, जो उन फिल्म प्रदर्शनियों के लिए एक अपवाद बनाती है, जो शांति भंग कर सकती है।

तमिलनाडु सरकार ने फिल्म पर बैन से किया इंकार

वहीं, दूसरी तरफ तमिलनाडु सरकार ने बुधवार को दिए गए अपने हलफनामे में कहा था कि राज्य में फिल्म (The Kerala Story) पर कोई बैन नहीं लगाया गया है। एमके स्टालिन सरकार ने निर्माताओं के दावों का खंडन करते हुए कहा कि ये दलील गलत है कि तमिलनाडु में फिल्म दिखाने पर रोक लगाई गई है।

तमिलनाडु ने कहा था कि ये फिल्म 5 मई 2023 को 19 सिनेमाघरों में रिलीज की गई, लेकिन फिल्म में जाने-पहचाने कलाकारों के न होने, कलाकारों के खराब प्रदर्शन और दर्शकों की संख्या में कमी के कारण मल्टीप्लेक्स मालिकों ने खुद ही 7 मई 2023 को फिल्म की स्क्रीनिंग बंद कर दी थी। उन्होंने कहा कि फिल्म निर्माताओं ने जानबूझकर झूठा बयान दिया है कि राज्य सरकार ने फिल्म की स्क्रीनिंग पर बैन लगाया है।

हलफनामे में आगे दावा किया गया था कि राज्य में फिल्म (The Kerala Story) की स्क्रीनिंग करने वाले सभी सिनेमाघरों के लिए सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम किए गए थे। रिलीज से पहले शहरों में जिला पुलिस अधीक्षकों और पुलिस आयुक्तों को राज्य की कानून व्यवस्था पर नजर रखने के लिए अलर्ट जारी किया था। 25 डीएसपी सहित 965 से ज्यादा पुलिसकर्मियों को फिल्म दिखाने वाले 21 सिनेमाघरों की सुरक्षा के लिए तैनात किया गया था।

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