मुलायम सिंह का निधन होने पर अखिलेश यादव को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत, आय से अधिक संपत्ति मामले में अब नहीं होगी सुनवाई
Supreme Relief to Akhilesh Yadav: समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) को आज सोमवार (13 मार्च) को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली. कोर्ट ने अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) और उनके पिता स्वर्गीय मुलायम सिंह यादव और उनसे जुड़े आय से अधिक संपत्ति मामले में आगे सुनवाई करने से इंकार कर दिया है.
चीफ जस्टिस डी वाई की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि-2013 में सीबीआई ने प्राथमिक जांच के बाद मामला बंद कर दिया था. मुलायम सिंह यादव का भी निधन हो चुका है. इसलिए अब सुनवाई की ज़रूरत नहीं. बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के वकील विश्वनाथ चुतर्वेदी ने मामला बंद होने के बाद याचिका दाखिल की थी.
क्या है पूरा मामला?
दरअसल साल 2005 में विश्वनाथ चतुर्वेदी ने यूपी के तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम सिंह, उनके बेटे अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav), बहु डिंपल यादव और दूसरे बेटे प्रतीक यादव के ऊपर आय से करोड़ों अधिक संपत्ति अर्जित करने के मामले में जनहित याचिका दायर की थी. मामले में सुप्रीम कोर्ट ने 1 मार्च 2007 को सीबीआई को इस आरोप की प्राथमिक जांच का आदेश दिया था.
अक्टूबर 2007 में सीबीआई ने कोर्ट को बताया कि शुरुआती जांच में उसे मुकदमा दर्ज करने लायक सबूत मिले हैं. वहीं, साल 2012 में सुप्रीम कोर्ट ने डिंपल को जांच के दायरे से बाहर कर दिया. मुलायम, अखिलेश और प्रतीक के खिलाफ जांच चलती रही.
याचिकाकर्ता ने मांगी रिपोर्ट
मामला ठंडा होते देख विश्वनाथ चतुर्वेदी ने मार्च 2019 में एक बार फिर आवेदन दाखिल किया. इस दौरान उन्होंने कोर्ट से सीबीआई जांच की स्टेटस रिपोर्ट मांगी. मामले की सुनवाई कर रहे तत्कालीन चीफ जस्टिस रंजन गोगोई और जस्टिस दीपक गुप्ता की बेंच ने इस बात पर हैरानी जताई कि 12 साल बाद भी जांच में हुई तरक्की की किसी को जानकारी नहीं है.
वहीं, सीबीआई ने शीर्ष अदालत को बताया था कि-आय से अधिक संपत्ति मामले में मुलायम और उनके दो बेटों- अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) और प्रतीक यादव के खिलाफ संज्ञेय अपराध होने का ‘प्रथम दृष्टया कोई सबूत’ नहीं मिला था. जिसके चलते प्रारंभिक जांच (पीई) को आपराधिक मामले में नहीं बदला गया था. साथ ही 7 अगस्त, 2013 के बाद मामले में कोई जांच नहीं की गई.
दोनों पक्षों के बीच हुई ये बातें
मामले में सुनवाई करते हुए शीर्ष अदालत ने कहा कि-उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव का निधन हो गया है. इस पर याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि मुलायम सिंह यादव के खिलाफ कार्यवाही भले ही बंद कर दी गई है.
लेकिन, आरोप उनके बेटों-अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) और प्रतीक यादव के खिलाफ भी हैं. उन्होंने केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) के समक्ष एक आरटीआई आवेदन भी दायर कर रखा है. जिसके जवाब में उन्हें सूचित किया गया था कि सीबीआई द्वारा ऐसी कोई क्लोजर रिपोर्ट दायर नहीं की गई थी.
दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद न्यायमूर्ति नरसिम्हा ने कहा कि- क्लोजर रिपोर्ट 2013 में दायर की गई थी और याचिकाकर्ता ने 2019 में अपनी याचिका दायर की थी. ऐसे में हम इतने सालों के बाद इस आवेदन पर कैसे विचार कर सकते हैं. पीठ ने कहा कि वह क्लोजर रिपोर्ट की प्रति के लिए आवेदन पर विचार करने के लिए इच्छुक नहीं है और इसे खारिज कर दिया.