April 24, 2024

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शशि थरूर ने पत्रकार सिद्दीकी कप्पन की रिहाई पर जाहिर की खुशी, UAPA को बताया लोकतंत्र के लिए खतरा

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Shashi Tharoor

Shashi Tharoor On Siddique Kappan: कांग्रेस नेता शशि थरूर (Shashi Tharoor) ने केरल के पत्रकार सिद्दीकी कप्पन की रिहाई पर खुशी जाहिर की है. इसके साथ ही उन्होंने यूएपीए (गैरकानूनी गतिविधियां) को लोकतंत्र के लिए संकट बताया है. बता दें कि शशि थरूर (Shashi Tharoor) ने यूएपीए को लेकर सिद्दीकी कप्पन की रिहाई के एक दिन बाद दी है.

यूएपीए लोकतंत्र के लिए खतरा- शशि थरूर

कांग्रेस नेता शशि थरूर (Shashi Tharoor) ने ट्वीट करते हुए कहा कि-“28 महीने जेल में रहने के बाद सिद्दीकी कप्पन (Siddique Kappan) की रिहाई हमें याद दिलाती है कि यूएपीए (UAPA) सरकार को बिना किसी आरोप के लोगों को अनिश्चित काल तक हिरासत में रखने की अनुमति देता है. सुप्रीम कोर्ट को आखिरकार “जमानत नहीं जेल” की फिर से पुष्टि करनी पड़ी. संशोधित यूएपीए लोकतंत्र के लिए खतरा है, जैसा कि मैंने लोकसभा में इसके प्रवेश का विरोध करते हुए चेतावनी दी थी”

शशि थरूर (Shashi Tharoor) ने एक अन्य ट्वीट में कहा कि- “जब सिद्दीकी कप्पन (Siddique Kappan) ने जेल में पठन सामग्री के लिए कहा तो उन्हें केवल हिंदी में पुस्तकों की पेशकश की गई, एक ऐसी भाषा जिसे वह नहीं जानते, और अंग्रेजी या मलयालम में पुस्तकों से इंकार किया, केवल वे भाषाएं जिन्हें वह पढ़ सकते हैं. महात्मा गांधी की भूमि में, क्या यह हमारी मानवता का स्तर है?”

क्या है पूरा मामला?

Siddique Kappan

गौरतलब है कि पुलिस ने सिद्दीकी कप्पन (Siddique Kappan) को अक्टूबर 2020 में उस समय गिरफ्तार किया था. जब वे हाथरस में हुए कथित सामूहिक दुष्कर्म और बालिका की मौत की रिपोर्टिंग करने के लिए जा रहे थे. पुलिस ने सिद्दीकी के खिलाफ वहां पर अशांति फैलाने और देशद्रोह का आरोप लगाते हुए यूएपीए के तहत कार्रवाई की थी.

इसके अलावा पुलिस ने कप्पन के खिलाफ 2022 फरवरी में ईडी ने प्रतिबंधित पीपुल्स फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) से धन उगाही का आरोप लगाते हुए मनी लॉन्ड्रिंग का मुकदमा भी दर्ज किया था. वहीं, अब लगभग दो साल बाद मामले में सिद्दीकी को रिहाई दी गई है. जिसपर शशि थरूर (Shashi Tharoor) ने अपनी प्रतिक्रिया दी है.

क्या है UAPA एक्ट?

यूएपीए

आपको बता दें कि शशि थरूर (Shashi Tharoor) जिस यूएपीए को लोकतंत्र के लिए संकट बता रहे हैं. उसका फुल फॉर्म Unlawful Activities Prevention Act यानी गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम है. जिसका मुख्य उद्देश्य आतंकी गतिविधियों पर रोकथाम लगाना है.

पुलिस और अन्य जांच एजेंसियां यूएपीए के तहत ऐसे आतंकियों, अपराधियों और संदिग्धों को चिन्हित करती है, जो, आतंकी गतिविधियों में शामिल होते हैं. इस एक्ट से जुड़े मामलों में एनआईए यानी राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को काफी शक्तियां होती है.

 

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