March 29, 2024

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UP Monsoon Session: अखिलेश के साथ पैदल मार्च करते हुए विधानसभा पहुंचेंगे विधायक, हंगामे की भेंट चढ़ सकता है मानसून सत्र का पहला दिन

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UP Monsoon Session

UP Assembly Monsoon Session: यूपी में आज से विधानसभा का मानसून सत्र (UP Monsoon Session) शुरू हो रहा है. समाजवादी पार्टी ने मानसून सत्र से पहले विधायकों और विधान परिषद सदस्यों की बैठक बुलाई है. बैठक में सरकार को घेरने के लिए विपक्षी दल सपा ने पैदल मार्च करने का फैसला किया है. जिसके तहत सोमवार को सपा विधायक पैदल मार्च करते हुए विधानसभा में जाएंगे.

सरकार को घेरने की कोशिश

सपा विधायक मनोज पांडे

सपा विधायक मनोज पांडेय (Manoj Pandey) ने बताया कि विधानसभा मानसून सत्र (UP Monsoon Session) के दौरान सपा पद यात्रा निकालेगी. उनहोंने कहा कि – “समाजवादी पार्टी के पैदल मार्च में पार्टी के सभी विधायक और विधान परिषद के सदस्य शामिल होंगे. राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के नेतृत्व में ये पदयात्रा निकाली जाएगी. ये मार्च जनता से जुड़े महंगाई और बेरोजगारी मुद्दों को लेकर होगा. ये पदयात्रा के लिए सभी सदस्य सुबह नौ बजे लखनऊ स्थित पार्टी दफ्तर पर जुटेंगे. जिसके बाद 9.45 बजे सपा प्रमुख के नेतृत्व में विधान भवन के लिए हमलोग पदयात्रा निकालेंगे.”

बसपा ने पदयात्रा का किया विरोध

उमा शंकर

सपा के पैदल मार्च से विधानसभा मौनसून सत्र (UP Monsoon Session) के दौरान हंगामा होने की पूरी संभावना है. समाजवादी पार्टी के अलावा उसकी सहयोगी पार्टी आरएलडी ने भी विधायकों के साथ प्रदर्शन करने का ऐलान किया है. विधानमंडल में आरएलडी के नेता राजपाल बालियान के नेतृत्व में ये प्रदर्शन होगा. वहीं बसपा विधायक उमाशंकर सिंह ने सपा की इस पदयात्रा का विरोध किया है. बता दें कि उत्तर प्रदेश में सोमवार से शुरु हो रहा विधानसभा का मानसून 19 सितंबर से 23 सितंबर तक चलेगा. इस दौरान विपक्षी दल सरकार को घेरने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी.

राजभर ने सपा की यात्रा को बताया नौटंकी

ओम प्रकाश राजभर

सपा के इस पदयात्रा (UP Monsoon Session) को लेकर ओम प्रकाश राजभर (Om Prakash Rajbhar) ने अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) पर तंज कसा है. ओम प्रकाश राजभर ने कहा, “ये तो नौटंकी है, हम इसको ड्रामा कहते हैं. जब ये सत्ता में थे और खुद मुख्यमंत्री थे. तब इन्हें जातिगत जनगणना की याद नहीं आई. तब इनको घरेलू बिजली बिल माफ करने की याद नहीं आई. इन्हें उस वक्त गरीबों के फ्री इलाज के लिए कानून बनाने की याद इन्हें नहीं आई. जब ये मुख्यमंत्री से तब चार सितंबर 2013 को हाईकोर्ट ने एक आदेश जारी किया था.”

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