8 वें राष्ट्रपति पद की शपथ ली रानिल विक्रमसिंघे ने, मई में पांचवीं बार बने थे श्रीलंका के प्रधानमंत्री

रानिल विक्रमसिंघे ने श्रीलंका के नए राष्ट्रपति के तौर पर ली शपथ
Sri Lanka Crisis : श्रीलंका में लम्बे समय से आम जनता आर्थिक तंगी का सामना कर रहीं है. हालांकि इस बीच पूर्व राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे (Gotabaya Rajapaksa) देश छोड़ कर भाग गए थे. जिसके बाद विक्रमसिंघे को कार्यवाहक राष्ट्रपति बनाया गया था. लेकिन अब बृहस्पतिवार को चीफ जस्टिस जयंत जयसूर्या ने संसद भवन परिसर में 73 वर्षीय, रानिल विक्रमसिंघे (Ranil Wickremesinghe) को आठवें राष्ट्रपति पद की शपथ दिलाई.
विक्रमसिंघे को मिले 134 वोट
रानिल विक्रमसिंघे ने ली श्रीलंका के राष्ट्रपति पद की शपथ pic.twitter.com/mhWdiax0gC
— ThePrintHindi (@ThePrintHindi) July 21, 2022
श्रीलंका की 225 सदस्यीय संसद में, विक्रमसिंघे ने 134 वोट से जीत हासिल की है. बता दें कि संसद में कड़ी सुरक्षा के बीच मतदान कराया गया था. रानिल (Ranil Wickremesinghe) के प्रतिद्वंद्वी एवं सत्तारूढ़ दल के असंतुष्ट नेता डलास अल्हाप्पेरुमा को 82 वोट मिले. जबकि वामपंथी जनता विमुक्ति पेरामुना (जेवीपी) के नेता अनुरा कुमारा दिसानायके को महज तीन वोट ही मिले.
विक्रमसिंघे की जीत से फिर बिगड़ेगी श्रीलंका की स्थिति- Report
विक्रमसिंघे के राष्ट्रपति बनने के बाद, अगले कुछ दिनों में 20-25 सदस्यों के मंत्रिमंडल का गठन किया जा सकता है. जानकारी के अनुसार, रानिल (Ranil Wickremesinghe) की जीत से एक बार फिर श्रीलंका की स्थिति बिगड़ सकती है क्योंकि सरकार विरोधी कई प्रदर्शनकारी उन्हें पूर्ववर्ती राजपक्षे सरकार का करीबी मानते हैं. और उन्हें भी देश के मौजूदा संकट के लिए जिम्मेदार ठहराते हैं.
मई में पांचवीं बार प्रधानमंत्री बने थे रानिल
विक्रमसिंघे को एक अनुभवी नेता माना जाता है, जो दूरदर्शी नीतियों के साथ अर्थव्यवस्था का प्रबंधन भी कर सकते है. वह (Ranil Wickremesinghe) लगभग पांच दशकों तक संसद में प्रधानमंत्री के पद पर नियुक्त हुए है. आखिरी बार मई में उन्हें पांचवीं बार प्रधानमंत्री बनाया गया था. हालांकि उनकी यूनाइटेड नेशनल पार्टी (यूएनपी) अगस्त 2020 में, हुए आम चुनाव में एक भी सीट जीतने में विफल रही थी.