अब इस मामले में बढ़ सकती है राहुल गांधी की मुश्किलें, कल होगी कोर्ट में सुनवाई
Defamation Case Against Rahul Gandhi: गुजरात में मोदी सरनेम को लेकर 2 साल की सजा और अपनी लोकसभा सदस्यता गंवाने के बाद एक बार फिर मानहानि के केस में राहुल गांधी (Rahul Gandhi) को झारखंड हाईकोर्ट (Jharkhand HighCourt) के सामने पेश होना पड़ा।
आज झारखंड हाईकोर्ट के न्यायाधीश अंबुज नाथ के सामने मामले की सुनवाई हुई जिसके बाद मामले को सुरक्षित रखते हुए अब अगली सुनवाई कल होगी। अदालत ने दोनों पक्षों को कल दलीलों का सारांश दाखिल करने का भी निर्देश दिया है।
2018 का है मामला
दरअसल यह मामला साल 2018 का है। जब चाईबासा में कांग्रेस अधिवेशन के दौरान राहुल गांधी (Rahul Gandhi) भाजपा के तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह पर निशाना साधाते हुए कहा था कि एक हत्यारा सिर्फ भाजपा में ही राष्ट्रीय अध्यक्ष बन सकता है, कांग्रेस में नहीं।
राहुल गांधी की इस आपत्तिजनक टिप्पणी के बाद भाजपा नेता नवीन झा ने राहुल गांधी के खिलाफ निचली अदालत में एक याचिका दायर की थी। बाद में यह मामला हाई कोर्ट (Jharkhand High Court) के सामने आया जिस को कोर्ट ने अगली सुनवाई तक टाल दिया। राहुल गांधी की तरफ से यह केस अधिवक्ता पीयुष चित्रेश लड़ रहे हैं।
एक ही मामले पर चल रहे हैं तीन केस
आपको बता दें कि इस मामले पर झारखंड में राहुल गांधी के खिलाफ तीन अलग अलग केस चल रहे हैं। नवीन झा के अलावा इस मामले में भाजपा नेता प्रताप कुमार ने चाईबासा कोर्ट में एक याचिका दायर की थी। जिस पर कोर्ट ने राहुल गांधी के खिलाफ जमानती वारंट जारी किया था।
जिसके बाद राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के इसको लेकर झारखंड हाईकोर्ट (Jharkhand HighCourt) का दरवाजा खटखटाया था। कोर्ट ने इस याचिका पर सुनवाई करते हुए राहुल गांधी के खिलाफ किसी भी तरह की कोई कार्यवाही पर रोक लगा दी।
मादी सरनेम को लेकर हो चुकी है कार्यवाही
आपको बता दें ये पहला मौका नहीं जब राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने इस तरह की आपत्तिजनक टिप्पणी की हो इससे पहले भी उन्होंने साल 2019 के लोकसभा के चुनाव के दौरान प्रचार करतो हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर टिप्पणी के चक्कपर में सारे मोदी सरनेम वाले चोर हैं जैसे बयान दिए थे ।
जिसके बाद कुछ लोगों ने उसका विरोध किया और गुजरात के एक व्यपारी ने इसको लेकर गुजरात की एक कोर्ट में मामला दर्ज कर दिया जिसके बाद कोर्ट ने राहुल गांधी को 2 साल की सजा सुनाई और एक कानून के तहत उनकी सदस्यता रद्द कर दी गई।
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