राजस्थान कांग्रेस में बड़ा सियासी संकट, गहलोत गुट के 80 विधायकों ने सौंपा इस्तीफा, सीएम के खिलाफ कड़ा फैसला ले सकता है आलाकमान

Rajasthan Congress Politics: राजस्थान कांग्रेस में इस समय सियासी घमासान मचा हुआ है. पूरा बवाल सीएम की कुर्सी को लेकर हो रहा है. दरअसल रविवार को अशोक गहलोत गुट के 80 विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी को अपना इस्तीफा सौंप दिया है. जिसके बाद राजस्थान में कांग्रेस (Rajasthan Congress Politics) के लिए एक बड़ा संकट खड़ा हो गया है. खबरों की माने तो इस्तीफा सौंपने वाले विधायक सचिन पायलट (Sachin Pilot) को मुख्यमंत्री बनाए जाने के खिलाफ हैं.
सोनिया गांधी ने संभाली कमान
राजस्थान में मचे (Rajasthan Congress Politics) इस सियासी बवाल के बीच कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) ने कमान संभाली है. उन्होंने राजस्थान के सीएम अशोक गहलतो, पार्टी प्रभारी अजय माकन, मल्ल्किार्जुन खड़गे और सचिन पायलट को दिल्ली बुलाया है.
बता दें कि जिन 80 विधायकों ने अपना इस्तीफा सौंपा है. वे अशोक गहलोत के कांग्रेस अध्यक्ष बनने के बाद सीपी जोशी को नया मुख्यमंत्री बनाने की मांग कर रहे हैं. जिसकी सिफारिश खुद अशोक गहलोत ने भी सोनिया गांधी से मुलाकात करने के बाद की थी. ऐसे में देखने वाली बात यह होगी की सोनिया के आवास पर होने वाली इस बैठक में किस बात पर सहमती बनती है.
गहलोत पर एक्शन ले सकती है आलाकमान
रिपोर्ट्स की माने तो अशोक गहलोत के अध्यक्ष बनने के बाद कांग्रेस आलाकमान सचिन पायलट (Sachin Pilot) को सीएम बनाने के पक्ष में है. ऐसे में अब सवाल यह उठता है कि क्या आलाकमान के फैसले के खिलाफ बगावत कर रहे अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) के साथ आगे क्या होगा? क्या कांग्रेस (Rajasthan Congress Politics) ऐसे व्यक्ति को पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाना चाहेगी जो, आलाकमान को ही चुनौती दे रहा हो. ऐसे में कांग्रेस आलाकमान यदि गहलोत के खिलाफ ही कोई कड़ा एक्शन ले लेतो ईसमें कोई हैरानी वाली बात नहीं होगी.
अनुभव और युवा जोश में कौन पड़ेगा किसपे भारी
बता दें कि राजस्थान में सचिन पायलट (Sachin Pilot) और अशोक गहलतो (Ashok Gehlot) दोनों का ही पार्टी में दबदबा है. एक तरफ जहां गहलोत के पास काफी अनुभव है तो वहीं, सचिन के युवा नेता और युवा सोच के तौर पर उनकी अलग पहचान है. राजस्थान में जब कांग्रेस (Rajasthan Congress Politics) ने पिछले विधानसभा में बहुमत हासिल की तो इसके पीछे इन दोनों नेताओं की मेहनत थी. हालांकि चुनाव के बाद मुख्यमंत्री पद के लिए सचिन और गहलोत को लेकर कांग्रेस आलाकमान को काफी माथापच्ची करना पड़ा था.
हालांकि उस समय युवा सोच पर अनुभव भारी पड़ा और अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) को राजस्थान का मुख्यमंत्री बनाया गया. वहीं, सचिन पायलट (Sachin Pilot) को डिप्टी सीएम के पद से ही संतोष करना पड़ा. वहीं, कुछ दिनों बाद पायलट ने उपमुख्यमंत्री पद से इस्तीफ़ा दे दिया. ऐसे में अब देखने वाली बात यह होगी की क्या इस बार भी अनुभव के आगे युवा सोच हार जाएगा या युवा जोश के आगे अनुभव को पटकनी मिलेगी.