नेहरु मेमोरियल का नाम बदलकर पीएम संग्रहालय रखने पर राहुल गांधी ने दी प्रतिक्रिया, कहा- नाम से नहीं काम से होती है पहचान

Nehru Memorial Museum and Library : नेहरु मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी का नाम बदलकर पीएम संग्रहालय (PM Museum And Library) रखा गया है. यह नाम परिवर्तन सोमवार 14 अगस्त से लागू कर दिया था साथ ही 15 अगस्त के खास आज़ादी के अमृत महोत्सव में नाम परिवर्तन को औपचारिक रूप दे दिया गया है. बता दें कि नृपेंद्र मिश्रा पीएम म्यूजियम एंड लाइब्रेरी के कार्यकारी परिषद के अध्यक्ष हैं. नृपेंद्र मिश्रा इससे पहले प्रधानमंत्री के मुख्य सचिव थे.
पीएम म्यूजियम एंड लाइब्रेरी की कार्यकारी परिषद उपाध्यक्ष सूर्य प्रकाश ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म में ट्विटर पर लिखा था कि सोसाइटी के लोकतंत्रीकरण और विविधिकरंद के अनुरूप, नेहरु मेमोरियल संघ्रालय एवं पुस्तकालय अब 14 अगस्त 2023 से प्रधानमंत्री संग्रहालय म्यूजियम एंड लाइब्रेरी सोसाइटी है.
नाम क्यों बदला गया ?
एडविन लुटियंस की इंपीरियल कैपिटल का हिस्सा रहा तीन मूर्ति भवन अंग्रेजी शासन में भारत के कमांडर इन चीफ का आधिकारिक आवास था। ब्रिटिश भारत के अंतिम कमांडर इन चीफ के जाने के बाद 1948 में तीन मूर्ति भवन देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू (Jawahar Lal Nehru) का आधिकारिक आवास बन गया। प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरु करीब 16 साल तक इस आवास में रहे, उन्होंने अपनी आखिरी सांस भी यही ली थी. बाद में इस परिसर को संग्रहालय में बदल दिया गया और नेहरु मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी कि स्थापना की थी.
2016 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi) ने एक सुझाव रखा था कि तीन मूर्ति परिसर के अन्दर भारत के सभी प्रधानमंत्रियों को समर्पित एक संग्रहालय होना चाहिए. उनके सुझाव को जिसे नेहरु मेमोरियल कि कार्यकारी परिषद ने मंजूर कर दिया. जून में नेहरु मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी सोसाइटी कि एक बैठक में इसका नाम बदलकर प्राइम मिनिस्टर म्यूजियम एंड लाइब्रेरी सोसाइटी करने का फैसला किया गया था.
विपक्षी पार्टी ने नाम परिवर्तन करने पे क्या कहा?
नेहरु मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी सोसाइटी का नाम बदलकर के प्राइम मिनिस्टर म्यूजियम एंड लाइब्रेरी सोसाइटी इस पर विपक्षी पार्टी लगातार सरकार पर निशाना साध रही है. इस बीच कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने दिल्ली एअरपोर्ट पर इस मामले में पत्रकार के सवाल का जवाब देते हुए कहा कि नेहरु जी कि पहचान उनके कर्म है, उनका नाम नही.