I2U2 Summit 2022: चार देशों के समूह ‘आई2यू2’ समूह की डिजिटल माध्यम से आयोजित होने वाली पहली बैठक में, आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) हिस्सा लेंगे. शिखर सम्मेलन की शुरुआत शाम करीब चार बजे होने की संभावना है. इस बैठक में समूह के नेता ‘आई2यू2’ ढांचे के तहत संभावित संयुक्त परियोजनाओं और अपने क्षेत्र व उससे आगे कारोबार एवं निवेश में आर्थिक गठजोड़ को मजबूत बनाने के लिए आपसी हितों से जुड़े अन्य क्षेत्रों में सहयोग को लेकर चर्चा करेंगे.
चार देशों के नेता होंगे बैठक में शामिल
PM @narendramodi will participate in the first I2U2 (India-Israel-UAE-USA) Summit today at 4pm in a virtual format
— PIB India (@PIB_India) July 14, 2022
I2U2 is aimed to encourage joint investments in six mutually identified areas such as water, energy, transportation, space, health, and food security
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प्रधानमंत्री मोदी के अलावा इस बैठक (I2U2 Summit 2022) में अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन, इजराइल के प्रधानमंत्री यायर लापिड, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के राष्ट्रपति मोहम्मद बिन जायद अल नाह्यान भी हिस्सा लेंगे. उम्मीद जताई जा रही है ये परियोजनाएं आर्थिक सहयोग के लिये ‘मॉडल’ के रूप में काम कर सकती हैं तथा इस प्रयास से देश के कई कारोबारियों एवं कामगारों को नए अवसर मिल सकते हैं.

2021 में पेश हुआ था प्रस्ताव

18 अक्तूबर 2021 को चार देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक (I2U2 Summit 2022) में, ‘आई2यू2’ समूह बनाने की मांग पेश की गई थी. जिसके बाद से, चारों देशों में से कोई भी देश सहयोग के संभावित क्षेत्रों को लेकर नियमित रूप से शेरपा-स्तरीय चर्चा करते रहे हैं. ‘आई2यू2’ (I2U2 Summit 2022) से तात्पर्य है,
‘इंडिया, इज़राइल, यूनाइटेड स्टेट्स ऑफ अमेरिका और यूएई’
छह मुद्दों पर होगी बात
First I2U2 (India-Israel-UAE-USA) Leaders’ virtual summit
— PIB India (@PIB_India) July 14, 2022
I2U2 is aimed to encourage joint investments in six mutually identified areas such as water, energy, transportation, space, health, and food security
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I2U2 Summit 2022: ‘आई2यू2’ बैठक में छह प्रमुख मुद्दों पर बात होने की संभावना है. जिनमें ऊर्जा और खाद्य सुरक्षा का मुद्दा मुख्य तौर पर शामिल होगा. इसके अलावा इस बात पर भी चर्चा होगी कि किस तरह से प्रमुख आर्थिक चुनौतियों का सामना करने के लिए इन चार देशों की कंपनियों के बीच साझेदारी को आगे बढ़ाया जाए. गौरतलब है कि चारों देशों की यह कोशिश है कि, दूसरे हित के क्षेत्र में भी आर्थिक साझेदारी को मजबूत किया जा सकें.
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