गोवा में कांग्रेस पर गिरी गाज, मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने कहा इससे हमारा कोई लेना-देना नहीं

Pramod Sawant
महाराष्ट्र की राजनीतिक में आग ठंडी पड़ी भी नहीं थी कि पड़ोसी राज्य गोवा में आग लग गई. हालांकि इस बार आग कांग्रेस पार्टी में लगी हैं. कयास लगाए जा रहे थे कि लगभग 5 विधायक कांग्रेस छोड़ रहें है. जिसके बाद राज्य के मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता प्रमोद सावंत (Pramod Sawant) का बयान सामने आया है, जिसके बाद सभी अटकलों पर विराम लग गया है.
क्या कांग्रेस पार्टी में पड़ी फूट ?
कई बीतें दिनों से खबर आ रही थी कि कांग्रेस का उनके 11 विधायकों में से 5 विधायकों से संपर्क नहीं हो पा रहा है. कहा जाने लगा था कि ये विधायक पार्टी छोड़ रहे हैं.
जिसके बाद अब राज्य के मुख्यमंत्री (Pramod Sawant) का बयान सामने आया है. उन्होंने कहा,
‘प्रदेश कांग्रेस के विधायक दल में बगावत से भारतीय जनता पार्टी का कोई लेना-देना नहीं है.’
मानसून सत्र में शामिल हुए थे विधायक
पांच विधायकों से कोई संपर्क नहीं होने की खबर को तूल मिलते ही, पार्टी में फूट की अटकलों को हवा मिल गई थी. हालांकि, इन विधायकों ने सोमवार से शुरू हुए के राज्य विधानसभा मानसून सत्र में हिस्सा लिया था और दावा किया कि कांग्रेस में कुछ भी गड़बड़ नहीं है. वहीं कांग्रेस के दस विधायक सोमवार रात पणजी में भी शामिल हुए थे, जिसकी अध्यक्षता पार्टी के वरिष्ठ नेता मुकुल वासनिक ने की थी.
कांग्रेस में फूट डालने के लिए भेजा नोटिस
बता दें कि कांग्रेस के पांच विधायकों माइकल लोबो, दिगंबर कामत, केदार नाइक, राजेश फलदेसाई और डेलियाला लोबो से संपर्क न हो पाने की खबरों के बाद कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने अपने भरोसेमंद नेता, मुकुल वासनिक से फौरन गोवा जाने के लिए कहा. कांग्रेस ने लोबो और पूर्व मुख्यमंत्री कामत पर सत्तारूढ़ भाजपा के साथ ‘साजिश रचने और मिलीभगत’ करने का आरोप लगाया था, ताकि पार्टी के विधायक दल में फूट डाली जा सके. कांग्रेस ने लोबो को, 40 सदस्यीय राज्य विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष के पद से भी हटा दिया हैं.
माइकल लोबो और दिगंबर कामत से निराश हैं कांग्रेस
वहीं पार्टी के गोवा प्रभारी दिनेश गुंडू राव ने लोबो को पद से हटाने का ऐलान करते हुए कहा,
”इन लोगों ने कांग्रेस के साथ रहकर सत्ता का मजाक उठाया है, लेकिन आज ये लोग लालची हो गए हैं. मैं माइकल लोबो और दिगंबर कामत से काफी निराश हूं. राजनीति में आपको आपके सिद्धांतों के लिए लड़ना होता है, न कि सत्ता के लिए. सत्ता तो आती जाती रहती है.”