परवेज मुशर्रफ ने भारत के खिलाफ 3 बार लड़ा था युद्ध, हर बार देखना पड़ा हार का मुंह, जानें भारत-पाक युद्ध की पूरी कहानी
Pervez Musharraf India Pak War : पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ (Pervez Musharraf) का रविवार (5 फरवरी) को दुबई में निधन हो गया. मुशर्रफ ने लंबी बीमारी के बाद 79 वर्ष की आयु में अंतिम सांस ली. वह अमाइलॉइडोसिस नामक बीमारी से जूझ रहे थे. जिसके कारण उनके अंगों ने काम करना बंद कर दिया था. परवेज मुशर्रफ (Pervez Musharraf) साल 2001 से 2008 तक पाकिस्तान के राष्ट्रपति रहे. इससे पहले वह पाकिस्तान के सेना प्रमुख भी रहे थे.
सेना प्रमुख रहते हुए परवेज मुशर्रफ (Pervez Musharraf) ने भारत के साथ 3 युद्ध लड़े थे. भारत के साथ सन् 1999 में हुए कारगिल युद्ध में मुशर्रफ की बड़ी भूमिका रही. आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से भारत और पाकिस्तान के बीच हुए 3 युद्ध के बारें में जानकारी साझा करने जा रहे हैं.
1965 में हुआ भारत-पाक का पहला युद्ध
परवेज मुशर्रफ (Pervez Musharraf) ने भारत के साथ सबसे पहला युद्ध साल 1965 में लड़ा था. उस समय मुशर्रफ पाकिस्तान सेना में एक युवा अधिकारी थे. इस युद्ध में पाकिस्तान को भारत के हाथों मुंह की खानी पड़ी थी. हालांकि भारत से हार के बावजूद पाकिस्तानी सरकार ने मुशर्रफ को इम्तियाजी मेडल देकर सम्मानित किया था. बता दें कि मुशर्रफ ने 1965 में खेमकरण सेक्टर में तोपखाना रेजिमेंट के साथ जंग का दांव पेंच सीखा था.
1971 के वॉर में मुशर्रफ की भूमिका
साल 1965 में हुए युद्ध में हार के बाद पाकिस्तान ने भारत के साथ सन् 1971 में एक बार फिर से युद्ध छेड़ा. जिसमें परवेज मुशर्रफ (Pervez Musharraf) की बड़ी भूमिका रही .1971 के युद्ध के दौरान, वह एसएसजी कमांडो बटालियन के कंपनी कमांडर थे. 1965 से लेकर 1972 तक मुशर्रफ ने कुलीन विशेष सेवा समूह (SSG) में अपनी सेवाएं दीं. 71 की जंग में उनकी भूमिका को देखते हुए पाकिस्तान सरकार ने एक बार फिर से उन्हें प्रमोशन दिया. हालांकि, पाकिस्तान को इस युद्ध में भी भारत के हाथों हार का सामना करना पड़ा था.
1998-99 में हुआ था कारगिल युद्ध
भारत के साथ युद्ध छेड़ने और हार के बावजूद प्रमोशन मिलने के कारण धीरे-धीर परवेज मुशर्रफ (Pervez Musharraf) जनरल के पद पर पहुंच गए. वहीं, साल 1998 में 7 अक्टूबर को उस समय के मौजूदा प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने उन्हें सेना प्रमुख के रुप में नियुक्त किया.
ये वही समय था जब परवेज मुशर्रफ (Pervez Musharraf) ने भारत के खिलाफ करगिल की साजिश रची थी. हालांकि वे इसमें भी बुरी तरह से असफल रहे. दरअसल 1998 में मुशर्रफ के इशारे पर पाकिस्तानी सेना ने कारगिल की ऊंची पहाड़ियों पर कब्जा जमा लिया था. उनकी कोशिश नियंत्रण रेखा के जरिये घुसपैठ करने की साजिश थी. भारतीय नियंत्रण रेखा (एलओसी) से पाकिस्तानी सैनिकों को हटाने के लिए ये युद्ध हुआ था.
जब वो करगिल पर कब्जा नहीं कर सके तो इसके लिए परवेज मुशर्रफ (Pervez Musharraf) ने नवाज शरीफ को दोषी ठहराया. अपनी जीवनी ‘इन द लाइन ऑफ फायर-अ मेमॉयर’ में जनरल मुशर्रफ ने लिखा कि उन्होंने करगिल पर कब्जा करने की कसम खाई थी, लेकिन नवाज शरीफ ने कारगिल युद्ध से पाकिस्तानी सेना का हाथ खींचने का दबाव बनाया. जिसकी वजह से वो ऐसा नहीं कर पाए. हालांकि नवाज शरीफ उनके बयानों से साफ मुकर गए थे.