सुप्रीम कोर्ट तक पंहुचा बजरंग दल और वीएचपी के रैलियों का मामला, याचिकाकर्ता ने की रैलियों पर रोक लगाने की मांग
Nuh Violence: नूंह हिंसा (Nuh Violence) के बाद बजरंग दल (Bajrang Dal) और वीएचपी (VHP) की रैलियां निकालने का मामला सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) जा पहुंचा है. इन रैलियों पर रोक लगाने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी. याचिकाकर्ता के वकील सीयू सिंह (CU Singh) ने दिल्ली-NCR में रैलियों पर रोक लगाने की मांग चीफ जस्टिस (Chief Justice) के सामने रखी.
चीफ जस्टिस ने वकील से पूछा- आपकी मांग क्या है? सीयू सिंह ने बताया कि पहले भड़काऊ कार्यक्रमों पर रोक का आदेश दिया जा चुका है. आज दिल्ली में 23 कार्यक्रम होने वाले हैं और इसे रोकने की मांग की.
सुप्रीम कोर्ट ने तीन राज्यों को भेजी नोटिस
कोर्ट से इन कार्यक्रमों के बारे में पूछे जाने पर बताया गया कि इन्हें प्रदर्शन कहा जा रहा है. कुछ तो सुबह हो चुके हैं और कुछ अभी होना बाकी हैं. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) , हरियाणा (Haryana) और दिल्ली (Delhi) को नोटिस भेजते हुए यह कहा कि इन कार्यक्रमों में भड़काऊ भाषण न हों और उन कार्यक्रमों के चलते हिंसा न फैले.
मामले में शुक्रवार को अगली सुनवाई की जाएगी और याचिका पर सुनवाई करते हुए अदालत ने विरोध प्रदर्शनों पर रोक लगाने से इनकार कर दिया लेकिन कहा कि विरोध प्रदर्शन के दौरान भड़काऊ बयानबाजी या कोई हिंसा (Violence) नहीं होनी चाहिए और उसके साथ ही कोर्ट ने सीसीटीवी कैमरों से विरोध प्रदर्शनों की निगरानी करने और वीडियोग्राफी के निर्देश दिया और जरूरत पड़ने पर अतिरिक्त सुरक्षाबलों की तैनाती का भी निर्देश दिया.
हिंसा के विरोध में निकल रही हैं रैलियां
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह आदेश सभी राज्यों पर लागू किया जा रहा हैं. आपको बता दें कि मगलवार को हरियाणा के नूंह (Nuh) में एक धार्मिक यात्रा के दौरान दो समुदायों के बीच हिंसा (Violence) हो गई थी जिसकी वजह से 6 लोगों की जान चली गयी थी और बड़ी तादात में लोग घायल भी हुए थे. नूंह, मेवात (Mewat), गुरुग्राम (Gurugram) और आसपास के इलाकों में अभी भी तनाव का माहौल बना हुआ है.
धार्मिक यात्रा पर हुए हमले के बाद उसके विरोध में दो अगस्त को विश्व हिंदू परिषद ने देशभर में आज धरना-प्रदर्शन (Protest) का एलान कर दिया है. वीएचपी ने हिंसा में जिन लोगों की जान गई है उनके परिजनों को एक-एक करोड़ रुपए का मुआवज़ा और घायलों को बीस-बीस लाख रुपए मुआवाज़े के तौर पर देने की मांग की है और उसके साथ ही जिन लोगों के वाहन क्षतिग्रस्त हुए है उनकी भी सारी क्षतिपूर्ति की जाने की मांग की हैं.