प्रधानमंत्री पद का सपना देख रहे Nitish Kumar नहीं संभाल पा रहे अपने विधायक, विपक्ष को एक-साथ मंच पर लाना होगा कितना कठिन?

बिहार: एनडीए से अलग होने के बाद से ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) को लगातार झटके लग रहे हैं. मणिपुर में जदयू के 6 विधायकों ने पार्टी का साथ छोड़ दिया है. इस बीच लोकसभा चुनाव 2024 में प्रधानमंत्री बनने का सपना देख रहे नीतीश कुमार (Nitish Kumar) को बड़ा झटका लगा है. उनका साथ छोड़ने वाले 6 विधायकों में 5 ने बीजेपी का दामन पकड़ लिया है. ऐसे में उनकी परेशानियां एक बार फिर बढ़ गई हैं.
विधायक का साथ छोड़ने पर क्या बोले नीतीश
जदयू विधायकों द्वारा पार्टी का साथ छोड़ने पर अब नीतीश कुमार (Nitish Kumar) का बयान सामने आया है. जिसमें उन्होंने कहा कि-जब वह एनडीए से अलग हुए, तो मणिपुर के सभी छह विधायक आए और उनसे मिले, उन्हें आश्वासन दिया कि वे पार्टी के साथ हैं. नीतीश ने कहा कि-हमें यह सोचने की जरूरत है कि क्या हो रहा है. विधायक पार्टियों से नाता क्यों तोड़ रहे हैं, जो कि संवैधानिक है. उन्होंने आगे कहा कि 2024 के चुनाव के लिए विपक्ष एकजुट होगा. दरअसल, बीजेपी के खिलाफ सीएम नीतीश का ‘दिल्ली मिशन’ विपक्ष के नेताओं को एकजुट करने के लिए ही है.
विपक्ष को एकजुट करने की योजना
दरअसल, भाजपा से अलग होने के बाद इस समयय बिहार राजनीति का स्वरुप एकदम बदल गया है. राज्य में राजनीति की नई-नई बिसातें बिछाई जा रही हैं. बता दें कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने अलग होने के साथ ही पार्टी ने ये संदेश दे दिया था कि वे 2024 में विपक्ष के पीएम दावेदार होंगे. पिछले हफ्ते ही तेलंगाना के सीएम केसीआर बिहार दौरे पर थे. जिसके बाद से ही इस खबर को और हवा मिल गई. अब खबर आ रही है कि नीतीश 5 सितंबर को तीन दिवसीय दौरे के लिए दिल्ली रवाना होने वाले हैं. माना जा रहा है कि इस दौरान वह सोनिया गांधी समेत कई बड़े नेताओं से मुलाकात कर सकते हैं.
पटना में लगे बड़े-बड़े पोस्टर
नीतीश कुमार (Nitish Kumar) के 2024 में विपक्ष का पीएम उम्मीदवार बनाए जाने का दावा किया जा रहा है . इस बीच पिछले दिनों पटना में लगाए गए जदयू के नए पोस्टरों के जरिए इन दावों को और पुख्ता कर दिया. पोस्टरों में एक तरफ नीतीश कुमार है तो दूसरी तरफ अलग-अलग प्रकार के स्लोगन टाइप की बातें लिखी गई हैं. जैसे – ‘आश्वासन नहीं, सुशासन’ ‘प्रदेश में देखा, देश में दिखेगा’ और ‘जुमला नहीं, हकीकत’. इन पोस्टरों के सामने आने के बाद सियासी गलियारों में 2024 में नीतीश की पीएम उम्मीदवारी को लेकर तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे हैं.
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