इस महापुरूष की जंयती पर होगा नए संसद भवन का लोकार्पण, पीएम मोदी, लोकसभा अध्यक्ष संग कई दिग्गज रहेंगे मौजूद
New Parliament House : देश को आत्मनिर्भर भारत बनाने का सपने संजोए देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) इस तरफ अपना एक ओर कदम बढा चुके हैं इसी कड़ी में प्रधानमंत्री मोदी 28 मई 2023 को भारत की संसद के नवनिर्मित भवन (New Parliament House) का लोकार्पण करेंगे।
इसी को लेकर गुरूवार को लोकसभा के अध्यक्ष ओम बिड़ला ने प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात की थी इस दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री को भवन के उद्घाटन के लिए आमंत्रित किया था। वही लोकसभा सचिवालय ने नए संसद भवन को आत्मनिर्भर भारत की एक नई पहचान बताया है।
इस भवन में एक साथ बैठ सकेंगे 1224 सांसद
मीडिया रिपोर्ट की माने तो इस संसद भवन (New Parliament House) की मांग लोकसभा और राज्यसभा के दोनों सदनों में 5 अगस्त 2019 को रखी गई जिसके बाद प्रधानमंत्री मोदी ने इस नए संसद भवन का शिलान्यास 10 दिसंबर 2020 को किया था। यह भवन 4 मंजिले का है और इसमे 1224 सांसदो के बैठने की व्यवस्था है।
इस समय दोनों सदनो में सासंदों की संख्या 800 है जिसमें लोकसभा में 550 और राज्यसभा में 250 सदस्य मौजूद हैं। इस भवन में लोकसभा के 888 और राज्यसभा के 384 सदस्यों के बैठने की व्यवस्था है। इसके अलावा इस नए भवन में अत्याधुनिक तकनीक वाले उपकरण लगाए गए हैं और यहां की सुरक्षा में तैनात होने वाले मार्शलों की ड्रेस भी बदली गई है।
पिछले संसद भवन से 17000 वर्गमीटर बड़ा है नया भवन
वहीं बात अगर इसके जगह की करें तो यह भवन पिछले संसद भवन से लगभग 17000 वर्गमीटर बड़ा है। पुराना संसद भवन जहां 47,500 वर्गमीटर में है वहीं नया संसद भवन (New Parliament House) 64,700 वर्ग मीटर में फैला हुआ है। इसके लोकसभा चेंबर में ही दोनों सदनों का संयुक्त सत्र भी होंगे। वास्तुकार बिमल पटेल द्वारा बनाए गए नए भवन में 3 दरवाजे हैं, जिन्हें ज्ञान द्वार, शक्ति द्वार और कर्म द्वार के नाम से जाना जाएगा। इसमें सांसदों और वीआईपी के लिए अलग प्रवेश द्वार है। इस पर भूकंप का असर नहीं होगा।
इसमें पुस्तकालय, कैफेटेरिया आदि की भी व्यवस्था है। इस भवन को इस तरह से बनाया गया है कि नए भवन में दिव्यांगों को भी आने में आसानी होगी। सेन्ट्रल लाउंज में भारत का राष्ट्रीय वृक्ष अशोक भी लगाया गया है। कहा जा रहा है कि यह भवन भारत की सांस्कृतिक और परम्पराओं का आईना है। इस भवन के आसपास कई पेड़ लगाए जाएँगे, जो लोगों को पर्यावरण के प्रति जागरूकता का संदेश देंगे।
संविधान हॉल में रखी है संविधान की मूल प्रति
नए संसद भवन (New Parliament House) का सबसे बड़ा हॉल संविधान हॉल है। कहा जा रहा है कि इसमें संविधान की मूल प्रति रखी जाएगी। इसके अलावा इसमें महात्मा गाँधी, जवाहरलाल नेहरू, सुभाषचंद्र बोस सहित देश के सभी प्रधानमंत्रियों की बड़ी तस्वीरें भी लगाई गई हैं। बताते चलें कि सेंट्रल विस्टा कॉरिडोर में नए संसद भवन के अलावा प्रधानमंत्री आवास एवं कार्यालय, केंद्रीय सचिवालय और उपराष्ट्रपति का आवास शामिल है।
सितम्बर 2020 में नए संसद भवन (New Parliament House) को बनाने का ठेका टाटा प्रोजेक्ट को दिया गया था। शुरुआत में नए संसद भवन को बनाने की लागत 861 करोड़ रुपए आँकी गई थी। हालाँकि, बाद में यह लागत बढ़कर 1200 करोड़ रुपए तक पहुँच गई। तिकोने आकार के नए संसद भवन का निर्माण 15 जनवरी 2021 को शुरू हुआ था। इसका अधिकांश काम पूरा हो चुका है।
वर्तमान संसद भवन को लगभग हुए 100 साल
सन 1927 में बना वर्तमान संसद भवन लगभग 100 साल पुराना है और इसे सरकार ने हेरिटेज बिल्डिंग बना रही है। सरकार के मुताबिक, अब सदन में काम करने वाले सदस्यों से लेकर बाहर से आने वाले आगंतुकों की संख्या बढ़ी है। सरकार का यह भी मानना है कि पुराने भवन के आकार और डिजाइन की वजह से उसमें आधुनिक तकनीक के उपकरण लगाने सम्भव नहीं थे।
मार्च 2023 में PM मोदी ने इस संसद का आकस्मिक निरीक्षण किया था। तब उन्होंने इसे बनाने वाले मजदूरों से भी बात की थी। हालाँकि, कॉन्ग्रेस ने सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के तहत बनने वाले इस निर्माण की आलोचना की थी। कॉन्ग्रेस नेता जयराम रमेश ने इसे पैसे की बर्बादी बताया था।
जिस दिन लोकर्पण उसी दिन वीर सावरकर की जंयती
वहीं ये होना भी तय माना जा रहा है कि इस भवन (New Parliament House) के उद्धाटन में राजनीति का भी होना तय है क्योंकि भारत की संसद के नवनिर्मित भवन का लोकार्पण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 28 मई 2023 को करेंगे। और इसी दिन वीर सावरकर के विख्यात विनायक दामोदर सावरकर (Vinayak Damodar Savarkar) की जयंती भी है। सावरकर का जन्म 28 मई 1883 को हुआ था और इस साल 28 मई को उनकी 140वीं जयंती है।
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