माफिया Mukhtar Ansari को गैंगस्टर मामले में 5 साल की सजा, राज्य सरकार की अपील पर सुनवाई में हुआ फैसला

Mukhtar Ansari sentenced: हाईकोर्ट ने यूपी के बाहुबली मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) को गैंगस्टर मामले में दोषी करार दिया है. जिसपर फैसला सुनाते हुए कोर्ट ने मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) को 5 साल की सजा और 50 हजार रुपए जुर्माना भी लगाया है. हाईकोर्ट की लखनऊ की बेंच ने 23 साल पुराने मामले में यह सजा सुनाई है. बता दें कि इससे पहले 21 सितंबर को इलाबाद हाईकोर्ट ने जेलर को धमकी देने के मामले में 7 साल की सजा सुनाई थी. एक के बाद एक मामले हो रही सजा के बाद मुख्तार का राजनीतिक करियर भी खतरें में पड़ सकती है.
राज्य सरकार की अपील पर फैसला
Mafia Mukhtar Ansari sentenced to five years, was imprisoned for 7 years two days ago @theasialive
— The Asia Live (@theasialive) September 23, 2022
रिपोर्ट्स के मुताबिक मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) पर अदालत ने अपना फैसला सरकार की अपील पर सुनाया है. सरकारी वकील के बताया कि-राज्य सरकार ने गैंगस्टर के मामले में ट्रायल कोर्ट से बरी करने के आदेश को चुनौती दी थी. इस मामले में 1999 में हजरतगंज थाने कोतवाली में एफआईआर दर्ज की गई थी. न्यायमूर्ति दिनेश कुमार सिंह की एकल पीठ ने यह निर्णय राज्य सरकार की अपील पर पारित किया है. फिलहाल मुख्तार इस समय बांदा जेल में बंद हैं.
अपराध की दुनिया में रहा है दबदबा
यदि मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) की बात करे तो वह मऊ का रहने वाला है. अपराध की दुनिया में शुरु से ही उसका दबदबा रहा है. एक समय था जब गाजीपुर में उसकी खूब चलती थी, उस समय मऊ भी गाजीपुर जिले के अंतर्गत आता था. जुर्म की दुनिया के साथ-साथ उसने राजनीति में भी कदम रखा और कामयाब भी रहा. वह मऊ से लगातार 5 बार विधायक रह चुका है. इस समय मऊ से उसका बेटा अब्बास अंसारी विधायक है. मुख्तार अंसारी के उपर हत्या, लूट और अपहरण समेत कई मामले अलग-अलग थानों में दर्ज है. मुख्तार के उपर सबसे ज्यादा 59 मुकदमें गाजीपुर जिले में दर्ज है.
जेलर पर तान दी थी पिस्तौल
वहीं, इससे पहले बुधवार 21 सितंबर को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने लगभग 20 साल पुराने मुकाबले में मुख्तारी अंसारी (Mukhtar Ansari) को 7 साल की सजा सुनाई थी. दरअसल 2003 में मुख्तार किसी मामले में लखनऊ की जेल में बंद थे. उस समय उसने तत्कालीन जेलर एसके अवस्थी (SK Awasthi) को मारने के लिए पिस्तौल तान दी थी. जिसे लेकर जेलर ने आलमबाग थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी.
जेलर ने कहा था कि-उस दौरान जेल में बंद मुख्तारी अंसारी से मिलने आए लोगों की तलाशी लेने का आदेश देने पर उन्हें मुख्तार ने जान से मारने की धमकी दी थी. इसके साथ ही गाली गलौज करते हुए मुख्तार ने उन्हें मारने के लिए उनपर पिस्तौल भी तानी थी.