April 25, 2024

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मोहन भागवत द्वारा ‘पंडितों’ पर दिए गए विवादित बयान पर पूरे देश में संग्राम, बढ़ते बवाल को देखते हुए अब RSS ने दी ये सफाई

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Mohan Bhagwat

Mohan Bhagwat Controversial Statement: संघ प्रमुख मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) ने रविवार 5 फरवरी को ब्राहम्ण जाति को लेकर एक विवादित बयान दिया था. जिसके बाद से पूरे देश भर में ब्राहम्ण एकता मंच की ओर से उनके बयानों की निंदा करते हुए उनसे माफी की मांग की जा रही है.

इसके साथ ही सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफॉर्म पर ब्राह्मणों ने संघ प्रमुख मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) के बयान पर नाराजगी जाहिर करते हुए टिप्पणियां करनी शुरू कर दी. आइए जानते हैं कि आखिर मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) ने ऐसा क्या कह दिया है कि उनके बयान को लेकर देशभर में बवाल मचा हुआ है.

भागवत के इस बयान से मचा है बवाल

दरअसल रविदास जयंती के अवसर पर 5 फरवरी को मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) मुंबई में आयोजित एक कार्यक्रम में पहुंचे थे. जहां उन्होंने मंच से कहा था कि- ” जाति पंडितों ने बनाई जो गलत है. भगवान के लिए हम सभी एक हैं. हमारे समाज को बांटकर पहले देश में आक्रमण हुए, फिर बाहर से आए लोगों ने इसका फायदा उठाया.” भागवत के इस बयान से ही ब्राहम्ण समाज में खासा नाराजगी देखने को मिल रही है.

ट्विटर से लेकर फेसबुक जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर मोहन भागवत के खिलाफ इस बयान के लिए ब्राहम्ण समाज तंज कसते हुए कड़ी प्रतिक्रियाए दे रहा है. ब्राह्मणों ने सोशल मीडिया पर मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) के बयान की निंदा करते हुए उसे राजनीति से प्रेरित बताया. गौरतलब है कि इस साल राजस्थान, मध्यप्रदेश, त्रिपुरा, कर्नाटक, छत्तीसगढ़ और मिजोरम सहित नौ राज्यों में चुनाव होना है. वहीं, अगले साल 2024 में लोक सभा का चुनाव होना है.

अखिलेश यादव ने साधा निशाना

रामचरित मानस की चौपाई विवाद को लेकर घिरे समाजवादी पार्टी ने भी संघ प्रमुख मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) के बयान को ढाल बनाते हुए निशाना साधा है. समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने सोमवार को ट्वीट कर आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के बयान पर तंज कसा. उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा कि- “भगवान के सामने तो स्पष्ट कर रहे हैं. कृपया इसमें यह भी स्पष्ट कर दिया जाए कि इंसान के सामने जाति-वर्ण को लेकर क्या वस्तु स्थिति है?”

गौरतलब है कि विपक्ष रामचरित मानस की चौपाई के जरिये भाजपा और संघ को दलितों और पिछड़ों के खिलाफ रखने की कोशिश में जुटी हुई है. वहीं, अब भागवत के बयान को हवा देकर अब ब्राह्मणों में भी नाराजगी पैदा करने की कोशिश में जुट गई है.

संघ ने भागवत के बयान पर दी सफाई

Mohan Bhagwat

देश में चौतरफा ब्राहम्ण समाज द्वारा हो रहे निंदा के बाद संघ की ओर से मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) के बयान को लेकर प्रतिक्रिया सामने आई है. संघ की ओर से कहा गया कि- “मोहन भागवत ने जिस ‘पंडित’ शब्द का उपयोग किया था, उसका मतलब ‘बुद्धिजीवियों’ से है, न कि ब्राह्मणों से.” आरएसएस के प्रचार प्रभारी सुनील आंबेकर ने बताया कि सरसंघचालक मराठी में बोल रहे थे. मराठी में पंडित का अर्थ बुद्धिजीवी होता है. उनके बयान को सही परिप्रेक्ष्य में लिया जाना चाहिए.

‘संघ ने हमेशा की सामाजिक समरसता की बात’

आरएसएस के प्रचार प्रभारी सुनील आंबेकर (Sunil Ambekar) ने कहा कि- “सरसंघचालक मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) हमेशा सामाजिक समरसता की बात करते हैं. वह कह रहे थे कि लोग शास्त्रों से कुछ भी व्याख्या कर सकते हैं, वह सब सही नहीं हो सकता है. वो संत रविदास के अनुभव की बात कर रहे थे. कोई भी इसे गलत संदर्भ में न ले और सामाजिक समरसता को ठेस नहीं पहुंचाए. आरएसएस ने हमेशा छूआछूत के खिलाफ बात की है और सभी सामाजिक विभाजनों का विरोध किया है.”

 

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