कांवड़ यात्रा के दौरान मीट की दुकानें रहेंगी बंद, तलवार-त्रिशूल, डंडा ले जाने की भी है मनाही
Kanwar Yatra : 14 जुलाई से सावन (Sawan) के महीने की शुरूआत के साथ ही शिव भक्त कांवड़ियों का जत्था निकल गया है. कांवड़िए गंगाजल (Gangajal) लेकर नोएडा (Noida) के रास्ते होते हुए दिल्ली (Delhi) की ओर जाते हैं. खासतौर पर वेस्ट यूपी में कांवड़ यात्रा जोर शोर से निकलती है. इसी के चलते उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Aadityanath) ने कहा है कि कांवड़ मार्ग पर शराब और मीट की कोई दुकान नहीं खुलेगी. जिसके बाद यूपी प्रशासन एक्शन में आ गया है.
18 जुलाई से 27 जुलाई तक लागू रहेंगे फैसला
Kanwar Yatra : उत्तरप्रदेश सरकार के आदेश के बाद, दूधेश्वरनाथ मंदिर और मंदिरों के 500 मीटर के दायरे में सभी मीट की दुकानें बंद रहेंगी. गाजियाबाद डीएम राकेश कुमार सिंह ने आदेश दिया कि,
मुख्य कांवड़ मार्ग पर पड़ने वाली सभी मीट (नॉन वेज) की दुकानें 18 जुलाई से 27 जुलाई तक बंद रहेंगी. इस दौरान मीट परोसने वाले होटल भी बंद रहेंगे.
सीएम के आदेश के बाद प्रशासन हुआ सख्त
बता दें कि कांवड़ यात्रा (Kanwar Yatra) को ध्यान में रखते हुए सुरक्षाबल के जवान पूरे राज्य में मुस्तैद हैं. राज्य में 151 कंपनी पीएसी और 11 कंपनी केंद्रीय पुलिस बल तैनात हैं. सुरक्षा में बड़े अधिकारियों की भी ड्यूटी लगाई गई है. अतिरिक्त पुलिस बल के साथ 30 डिप्टी एसपी, 13 एडिशनल एसपी, 309 इंस्पेक्टर/सब इंस्पेक्टर, 1250 कॉन्स्टेबल/हेड कॉन्स्टेबल और 132 ट्रैफिक पुलिस कर्मी ड्यूटी पर हैं.
हथियार ले जाने की है मनाही
कांवड़ा यात्रा (Kanwar Yatra) को लेकर प्रशासन ने आदेश जारी करें है. जिसके मुताबिक, कांवड़ यात्रा में तलवार, डंडे और त्रिशूल आदि जैसे हथियार ले जाना मना होगा. और अगर बॉर्डर पर चेकिंग के दौरान इस तरह के हथियार मिलते है तो उसे वहीं जब्त कर लिया जाएगा. यूपी और उत्तराखंड प्रशासन दोनों की तरफ से इस संबंध में आदेश जारी किया गया है.
कांवड़ियों का हुजूम नजर आएगा इस साल
उम्मीद जताई जा रही है कि इस वर्ष कांवड़ियों का हुजूम नजर आने वाला है. प्रशासन भी कांवड़ यात्रा (Kanwar Yatra) को लेकर विशेष सतर्कता बरत रहा है. शराब की दुकानों को सख्ती से बंद किया जा रहा है व मीट की दुकानों को तिरपाल से ढकने का काम शुरू हो चुका है ताकि कांवड़ियों को ये दुकानें दिखाई ना दें एवं किसी तरह का विवाद खड़ा नहीं हो और शिव भक्तों की आस्था को ठेस ना पहुंचे.
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