Manish Tewari

नई दिल्ली: गुलाम नबी आजाद (Ghulam Nabi Azad) के इस्तीफे के बाद कांग्रेस में बगावत के सुर तेज हो गए है. आजाद के इस्तीफा देने एक दिन बाद ही दिग्गज कांग्रेस नेता और सांसद मनीष तिवारी (Manish Tewari) ने भी अपने तेवर दिखाए हैं. आजाद के इस्तीफे को लेकर जब मनीष तिवारी (Manish Tewari) से प्रतिक्रिया मांगी गई. जिसके जवाब में उन्होंने कहा कि हमें किसी से सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं है. मैंने इस पार्टी को 42 साल दिए हैं. मैं यह पहले भी कह चुका हूं कि हम कांग्रेस के किराएदार नहीं हैं, हम इस संस्था के सदस्य हैं.

‘चपरासी देते हैं नेताओं को ज्ञान’

Manish Tewari

मनीष तिवारी (Manish Tewari) ने कहा, अब यदि आप हमें बाहर निकालने की कोशिश करते हैं तो यह दूसरी बात है. यह देखा जाएगा. उन्होंने आगे कहा कि मुझे ऐसा लगता है कि साल 1885 से मौजूद भारत और कांग्रेस के बीच समन्वय में दरार आ गई है. जिसकी सुधार हेतु आत्मनिरीक्षण की जरूरत थी. मनीष ने कहा कि वह गुलाम नबी आजाद के इस्तीफे को लेकर कुछ अच्छा या बुरा नहीं कहेंगे. उन्होंने अपने तरीके से समझाने की पूरी कोशिश की है. कांग्रेस नेताओं के चपरासी जब पार्टी के बारे में ज्ञान देते हैं तो यह हंसी का पात्र होता है.

नेताओं ने  लिखा था सोनिया गांधी को पत्र

Sonia Gandhi
मनीष तिवारी (Manish Tewari) ने कहा कि दो साल पहले 20 दिसंबर 2020 को कांग्रेस के 23 नेताओं ने सोनिया गांधी को पत्र लिखा था. जिसमें पार्टी की चिंताजनक स्थिति को लेकर बात कही गई थी. जिसे गंभीरता से नहीं लिया गया. जिसके बाद कांग्रेस को सभी विधानसभा के चुनावों में हार का सामना करना पड़ा. मुझे लगता है कि 20 दिसंबर 2020 को सोनिया गांधी के आवास पर हुई बैठक में सहमति बन गई होती तो आज यह स्थिति नहीं आती. बता दें कि मनीष कुछ दिनों पहले ही पीएम मोदी से मिले थे, जिसके बाद से अलग-अलग तरह के कयास लगाए जा रहे हैं.

आजाद ने लगाए थे कई गंभीर आरोप

Ghulam Nabi Azad

गुलाम नबी आजाद (Ghulam Nabi Azad) ने शुक्रवार को कांग्रेस की सभी पदों से इस्तीफा दे दिया था. उन्होंने सोनिया गांधी के नाम पांच पन्नों की चिट्ठी भी लिखी थी. जिसमें उन्होंने पार्टी की कार्यशैली और राहुल गांधी (Rahul Gandhi) को लेकर कड़ी नाराजगी जताई थी. उन्होंने लिखा कि राहुल वरिष्ठ नेताओं को साइडलाइन कर अपने आस-पास अनुभवहीन लोगों को रखा हुआ है.

उन्होंने कहा कि आज कांग्रेस रिमोट कंट्रोल मॉडल से चल रही है. हालात इतने खराब हो गए हैं कि राहुल गांधी के पीए और सुरक्षाकर्मी पार्टी के बारे में फैसले ले रहे हैं. वहीं, उन्होंने सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) को भी महज नाम का लीडर बताया था. अब मनीष तिवारी (Manish Tewari) ने भी पार्टी पर सवाल खड़ा किया है.

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