रोहिणी नक्षत्र में नहीं, इन शुभ योगों में होगा इस बार की जन्माष्टमी का शुभारंभ, मिलेंगे विशेष लाभ

Krishna Janmashtami 2023: हिन्दू कैलेंडर के अनुसार, जन्माष्टमी भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि के दिन मनाई जाती है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान श्री कृष्ण का जन्म अष्टमी के दिन रोहिणी नक्षत्र में हुआ था। इस दिन भगवान कृष्ण के बाल रूप की पूजा की जाती है।
इस साल भी जन्माष्टमी (Krishna Janmashtami 2023) 18 और 19 अगस्त दोनों ही दिन मनाई जाएगी, लेकिन इस बार की जन्माष्टमी अत्यंत महत्वपूर्ण और भिन्न है। दरअसल, हर वर्ष जन्माष्टमी पर रोहिणी नक्षत्र का योग बनता था लेकिन इस बार ऐसा पहली बार होने जा रहा है जब कृष्णा जन्मोत्सव के समय रोहिणी नक्षत्र नहीं होगा। इस बार जन्माष्टमी कुछ अलग योगों में अपना प्रभाव दिखाने जा रही है।
किस दिन मनाए जन्माष्टमी
इस वर्ष जन्माष्टमी (Krishna Janmashtami 2022) दो दिन जन्माष्टमी मनाई जा रही है और 18 और 19 अगस्त इन दोनों ही दिन शुभ योगों का संयोग बनने वाला है। इस वर्ष 18 अगस्त, गुरुवार के दिन वृद्धि योग का शुभ संयोग बन रहा है। वृद्धि योग 17 अगस्त को दोपहर 8 बजकर 56 मिनट से शुरू होगा और 18 अगस्त की रात 8 बजकर 41 मिनट तक रहेगा।
इसके अलावा जन्माष्टमी (Krishna Janmashtami 2022) पर अभिजीत मुहूर्त भी रहेगा, जो 18 अगस्त की दोपहर 12 बजकर 5 मिनट से शुरू होकर रात्री 12 बजकर 56 मिनट पर समाप्त होगा। इसके साथ ही ध्रुव योग बन रहा है, जो 18 अगस्त को रात 8 बजकर 41 मिनट से 19 अगस्त को रात 8 बजकर 59 मिनट तक रहने वाला है।
जानिए क्या कहता है ज्योतिष शास्त्र
ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, जिन लोगों कि कुंडली में चंद्रमा कमजोर स्थिति में होता है उन्हें कृष्ण जन्माष्टमी का व्रत अवश्य रखना चाहिए। इसके अतिरिक्त, कृष्ण जन्माष्टमी पर व्रत रखने और लड्डू गोपाल की सेवा करने से संतान प्राप्ति का भी वरदान मिलता है।
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