‘क्या आप वर्दी के साथ स्कूलों में धर्म का पालन कर सकते हैं?’ सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं से किये कई सवाल

Karnataka Hijab Controversy: सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब पर प्रतिबंध लगाने पर कर्नाटक उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देने वाले याचिकाकर्ताओं से सवाल की, “क्या छात्र स्कूल में अपनी इच्छानुसार कुछ भी पहन सकते हैं और क्या धार्मिक अभ्यास को अलग नहीं रखा जाना चाहिए?” सुप्रीम कोर्ट 23 याचिकाओं के जत्थे पर 7 सितंबर को फिर से सुनवाई करेगा।
सुप्रीम कोर्ट ने पूछे कई सवाल
Karnataka Hijab Controversy: न्यायमूर्ति हेमंत गुप्ता और न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया की पीठ ने मामले में मुख्य याचिकाकर्ता की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता संजय हेगड़े से कई सवाल पूछे और कहा, “क्या कोई छात्र मिनी, मिडिस, जो चाहे पहनकर आ सकता है।
आपके पास एक धार्मिक अधिकार हो सकता है, और क्या आप उस अधिकार को एक शैक्षणिक संस्थान के भीतर ले सकते हैं जहां एक वर्दी निर्धारित है। आप हिजाब या स्कार्फ पहनने के हकदार हो सकते हैं। क्या आप एक ऐसे शैक्षणिक संस्थान के भीतर अधिकार ले सकते हैं जो वर्दी निर्धारित करता है?”
हेगड़े ने तोड़ी चुप्पी
Karnataka Hijab Controversy: इसका जवाब देते हुए हेगड़े ने कहा, ‘क्या किसी को कॉलेज से इसलिए बाहर किया जा सकता है क्योंकि वह व्यक्ति यूनिफॉर्म कोड का पालन नहीं करता है। क्या यह सही है?
हेगडा के सवाल उन्ही का जुबान
Karnataka Hijab Controversy: हेगड़े ने कहा, “ज्यादातर कॉलेज सलवार, कमीज और दुपट्टा ही मान्य रखते हैं। तो क्या अब हम एक बड़ी महिला को बता सकते हैं कि आप अपने शील पर नियंत्रण नहीं रख सकते हैं या इसे अपने सिर के ऊपर नहीं रख सकते हैं? क्या यह पटियाला में किया जा सकता है? शायद नहीं,”।
इसके जवाब में न्यायमूर्ति गुप्ता ने शीर्ष अदालत की एक घटना को याद किया जहां एक महिला वकील जींस पहने हुए दिखाई दी थी और उसे ऐसा नहीं करने के लिए कहा गया था। इसको लेकर उन्होंने कहा, वह यह भी कह सकती है कि “मैं जो चाहूंगी वही पहनूंगी।”
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