आज ही के दिन धोनी की युवा सेना ने रचा था इतिहास, फाइनल में पाकिस्तान को चटाई थी धुल

T20 World Cup 2007: आज का दिन यानी कि, 24 सितम्बर भारतीय क्रिकेट टीम के इतिहास के सबसे सुनहरे दिनों में से एक है. दरअसल आज ही के दिन साल 2007 में भारत की युवा टीम ने टी20 वर्ल्ड कप (T20 World Cup 2007) के फाइनल में पाकिस्तान को हराकर इतिहास रचा था. उसके बाद से भारतीय टीम अभी तक एकबार भी टी20 वर्ल्ड कप की ट्राफी को अपने नाम नहीं कर पायी है. हालांकि फिलहाल टीम इंडिया की नजर आगामी वर्ल्ड कप के ऊपर है.
किसी को नहीं थी ट्राफी की उम्मीद
साउथ अफ्रीका में खेले गए टी20 वर्ल्ड कप (T20 World Cup 2007) के पहले एडिशन में भारतीय टीम सचिन तेंदुलकर, राहुल द्रविड़, सौरव गांगुली और अनिल कुंबले जैसे स्टार खिलाड़ियों के बिना टूर्नामेंट में हिस्सा लेने पहुंची थी. चयनकर्ताओं ने टीम की कप्तानी महेंद्र सिंह धोनी के हाथों में सौंपी थी. भारत ने इससे पहले केवल 1 टी20 मुकाबला खेला था. ऐसे में कोई भी इस टीम से ट्राफी की उम्मीद नहीं लगा रहा था.
इसी साल हुए वनडे विश्व कप में भारत को बांग्लादेश के खिलाफ हार का सामना करना पड़ा था और टीम इंडिया ग्रुप स्टेज से ही बाहर हो गई थी. इसके बाद भारत के समर्थक निराश थे और उन्हें युवा टीम से कोई उम्मीद नहीं थी. हालाँकि जैसे जैसे टूर्नामेंट आगे बढ़ता गया. लोगों की उम्मीदें भी बढती गयी और धोनी की युवा सेना ने फाइनल में पाकिस्तान को हराकर 1983 विश्व कप के बाद सबसे बड़ी जीत दर्ज की.
फाइनल में पाकिस्तान को धोया
भारतीय टीम ने टूर्नामेंट (T20 World Cup 2007) में साउथ अफ्रीका , इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया जैसी टीमों को हराकर फाइनल में अपनी जगह बनायी और फाइनल में चिर-प्रतिद्वंदी पाकिस्तान को रोमांचक तरीके से 5 रनों से हराकर ट्राफी को अपने नाम कर लिया.
मैच में भारत ने पहले बल्लेबाजी करते हुए गौतम गंभीर की 54 गेंदों पर 75 रनों की शानदार पारी की बदौलत 157 रनों का स्कोर खड़ा किया. जवाब में पाकिस्तान ने नियमित अंतराल पर विकेट गवाए और अंत में 152 रनों क स्कोर पर ऑलआउट हो गयी. मिस्बाह-उल-हक ने अपने दम पर पाकिस्तान को जीत दिलाने की पूरी कोशिश की. हालाँकि, वो इसमें कामयाब नहीं हो पाए.