हिंदू पक्ष का दावा ‘महादेव की है जमीन’, ज्ञानवापी मामले में कल फिर होगी सुनवाई
Gyanvapi Case: 18 अगस्त 2021 को उत्तर प्रदेश के वाराणसी स्थित ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में श्रृंगार गौरी मंदिर में प्रतिदिन पूजा अर्चना की अनुमति देने संबंधी अर्जी कोर्ट में दाखिल की गई थी. मां शृंगार गौरी से जुड़ा हुआ मुकदमा राखी सिंह, सीता साहू, मंजू व्यास, लक्ष्मी देवी और रेखा पाठक ने दाखिल किया था. जिस पर लंबे समय से बहस चल रही है. हिन्दू पक्ष का कहना है कि जिस जमीन पर मुस्लिम अपना दावा कर रहे है वो जमीन आदि विश्वेश्वर महादेव की है. उस पर जबरदस्ती नमाज पढ़ी जा रही है. हालांकि कोर्ट कल फिर से इस मामले (Gyanvapi Case) में सुनवाई करेंगा.
इस मामले में लागू नहीं होगा वॉरशिप एक्ट
Gyanvapi Case: 120 मिनट तक चली बहस के बाद कल एक बार फिर हिंदू पक्ष अपनी दलीलें रखेगा. कोर्ट ने अगली सुनवाई के लिए गुरुवार की तारीख नीयत की है. बता दें कि ज्ञानवापी मस्जिद केस में मंगलवार को हुई सुनवाई के दौरान मुस्लिम पक्ष ने अपनी दलीलें रखी थीं. जिसके बाद आज हिंदू पक्ष ने अपनी दलीलें रखीं. हिंदू पक्ष के वकील हरिशंकर जैन ने कोर्ट में कहा कि 1991 का वॉरशिप एक्ट किसी भी तरीके से इस मामले में लागू नहीं होता है. मुस्लिम पक्ष जिस जमीन पर अपना दावा कर रहा है वो जमीन आदि विश्वेश्वर महादेव की ही है.
तथ्य साबित करते हैं कि यहां मंदिर था- विष्णु जैन
Gyanvapi Case: राइट टू वॉरशिप ऐक्ट पर विष्णु शंकर जैन ने सुप्रीम कोर्ट के एक पुराने केस का हवाला दिया. जैन ने 16वीं शताब्दी का इतिहास बताया. इसके साथ ही उन्होंने काशी, वैभव काशी का हवाला भी दिया तथा 8 मंडप का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा सर्वे के दौरान गदा, शंख, चक्र, त्रिशूल, कमल, सूर्य के प्रमाण यह साबित करते हैं कि यह मंदिर ही है. पश्चिम में ध्वंस आराध्य स्थल में हिंदू प्रतीकों की बहुल्यता यह साबित करती है कि यही आदि विश्वेश्वर हैं.
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