Gyanvapi Case
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Gyanvapi Case: वाराणसी के ज्ञानवापी मंदिर और मां श्रंगार गौरी मामले में आज जिला न्यायालय में सुनवाई होनी हैं. मामले में जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत में दोपहर 2 बजे सुनवाई होगी. बता दें कि इस मामले में 4 जुलाई को भी सुनवाई हुई थी और उस दौरान मुस्लिम पक्ष ने 52 बिंदुओं को लेकर अपनी दलीलें अदालत में रखी थी. जिसके बाद आज होने वाली सुनवाई में मुस्लिम पक्ष कोर्ट के सामने ज्ञानवापी से जुड़ा कानूनी पहलू रखेगा.

वर्शिप एक्ट लागू हो या नहीं ?

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लंबे समय से मुस्लिम पक्ष की तरफ से यह दलीलें दी जा रहीं है कि मामले (Gyanvapi Case) में प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट (स्पेशल प्रॉविजंस), 1991 लागू होता है. जिसका मतलब है, 1947 में आजादी के समय धार्मिक स्थलों की जो स्थिति थी, उसमें कोई बदलाव नहीं किया जा सकता है. जिसके जवाब में आज हिंदू पक्ष अपनी दलीलें रखेगा और उसे यह बताना होगा कि मुकदमा सुनवाई योग्य क्यों है? और इस मामले (Gyanvapi Case) में वर्शिप एक्ट क्यों लागू नहीं होता है?

नए हिन्दू ट्रस्ट का हुआ निर्माण

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हिंदू पक्ष ने, 4 जुलाई को हुई मामले (Gyanvapi Case) की सुनवाई के बाद श्री आदि महादेव काशी धर्मालय मुक्ति न्यास नाम से ट्रस्ट बनाया. जिसकी पहली बैठक सोमवार शाम को हुई, जिसमें एडवोकेट हरि शंकर जैन और उनके बेटे विष्णु शंकर जैन, रंजना अग्निहोत्री मौजूद रहें.  हिंदू पक्ष के पैरोकार डॉ. सोहनलाल आर्य, शृंगार गौरी मुकदमे की वादिनी 4 महिलाएं और ट्रस्ट के अन्य सदस्य भी शामिल हुए.

बैठक के दौरान डॉ. सोहनलाल आर्य ने कहा,

”यह ट्रस्ट ज्ञानवापी से जुड़े मुकदमों को कोर्ट में देखने और आगे की रणनीति तय करने के लिए बनाया गया है. मुकदमों की सुनवाई में जो खर्च आएगा, वह भी ट्रस्ट ही पूरा करेगा.”

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