Hariyali Teej 2023: हरियाली तीज व्रत के कुछ महत्वपूर्ण नियम, व्रत के दौरान क्या करें और क्या न करें

Hariyali Teej 2023: हरियाली तीज भारत के विभिन्न हिस्सों में विवाहित और अविवाहित महिलाओं द्वारा मनाया जाने वाला एक महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है। यह त्यौहार आमतौर पर जुलाई या अगस्त के मानसून महीनों के दौरान आता है। हरियाली तीज से जुड़े व्रत नियम बहुत महत्व रखते हैं और इन्हें श्रद्धापूर्वक मनाया जाता है।
भगवान शिव और देवी पार्वती का करें पूजन
इस दिन महिलाएं सुखी और समृद्ध वैवाहिक जीवन के लिए भगवान शिव और देवी पार्वती (Mata Parvati) का आशीर्वाद लेने के लिए व्रत रखती हैं। उपवास के नियमों में उपवास के दौरान अनाज, नमक और कुछ मसालों का सेवन करने से परहेज करना शामिल है। चांद देखने के बाद ही विवाहित महिलाएं अपना व्रत खोलती हैं। व्रत सूर्योदय से चंद्रोदय तक मनाया जाता है, और महिलाएं हरे कपड़े और आभूषण पहनती हैं, जो मानसून के मौसम के दौरान प्रकृति की सुंदरता का प्रतीक है।
उपवास की अवधि में विस्तृत प्रार्थनाएँ, पारंपरिक गीत गाना और सांस्कृतिक गतिविधियों में हिस्सा लेना भी शामिल है। विवाहित महिलाओं को अपने माता-पिता से ‘सिंधारा’ मिलता है, जिसमें उपहार और मिठाइयाँ शामिल होती हैं। यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि उपवास का स्वास्थ्य पर प्रभाव पड़ सकता है, खासकर अगर इसे ठीक से न किया जाए। गर्भवती या स्तनपान कराने वाली महिलाओं, साथ ही स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं वाले लोगों को आमतौर पर उपवास से परहेज करने की सलाह दी जाती है।
व्रत रखते समय क्या करें?
व्रत में पोशाक मायने रखती है, इसलिए उत्सव के लिए साड़ी और सूट जैसे पारंपरिक परिधान चुनें। महिलाएं अक्सर हरे रंग की पोशाकें चुनती हैं क्योंकि यह समृद्ध, स्वस्थ और सामंजस्यपूर्ण जीवन का प्रतीक है। महिलाओं को अपने पति की लंबी उम्र सुनिश्चित करने के लिए आरती करनी चाहिए और भगवान शिव और देवी पार्वती की पूजा करनी चाहिए। व्रत रखने वाले लोग हरियाली तीज की कथा भी सुन सकते हैं। पूजा के दौरान हाथ से बनी मिठाइयाँ जैसे पूड़ी, पारंपरिक मिठाइयाँ जैसे लड्डू और हलवा, साथ ही ताजे फल भेंट करें।
ब्रह्म मुहूर्त में जल्दी उठें, जो सूर्योदय से दो घंटे पहले होता है। माना जाता है कि ब्रह्म मुहूर्त में जागने से आपकी प्रार्थनाएं सीधे परमात्मा से जुड़ जाती हैं। अपने हाथों को जटिल मेहंदी डिज़ाइनों से सजाकर और हरी चूड़ियाँ पहनकर इस अवसर की तैयारी करें, जो आपके वैवाहिक रिश्ते में स्थायी आनंद और दीर्घायु का प्रतीक है।
व्रत रखते समय क्या न करें?
यह सलाह दी जाती है कि महिलाएं निर्जला व्रत का पालन करें, जिसके दौरान वे पानी तक का सेवन करने से परहेज करती हैं। यदि आप अस्वस्थ हैं या गर्भवती हैं, तो इस उपवास से बचना और अपने स्वास्थ्य पर ध्यान देना सबसे अच्छा है। उपवास करते समय दोपहर की झपकी लेने से बचें क्योंकि धार्मिक रीति-रिवाजों के अनुसार इसे गलत माना जाता है।व्रत के दौरान काले या सफेद कपड़े या सहायक उपकरण पहनने से बचें, क्योंकि ये रंग अशुभ माने जाते हैं।
“हरियाली”, जिसका हिंदी में अनुवाद “प्रकृति” है, प्रकृति के प्रतिनिधित्व के रूप में मां पार्वती को दर्शाता है। इसलिए, उपवास करने वालों को पर्यावरण या प्रकृति को नुकसान पहुंचाने से बचना चाहिए। अक्सर, अनुष्ठानों के दौरान, लोग सड़कों और जल निकायों में पूजा सामग्री फैला देते हैं। व्रत वाले दिन अपने पति से मतभेद से बचें, क्योंकि व्रत का उद्देश्य उनकी भलाई है। सकारात्मकता पर ध्यान दें, शांति का माहौल बनाए रखें और यदि कोई समस्या आती है, तो बाद में उसे शांति से मिलकर सुलझाएं।
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