हर राज्य में बड़े स्तर पर बन रहें झंडे, 500 करोड़ तक पहुंच सकता है तिरंगे का कारोबार

Har Ghar Tiranga Abhiyan: देश की आजादी के 75 वर्ष पूरे होने पर पीएम मोदी ने आजादी के अमृत महोत्सव (Azadi Ka Amrit Mahotsav) के तहत ‘हर घर तिरंगा’ अभियान चलाया है. इस अभियान की शुरुआत 13 अगस्त से हो चुकी है और 15 अगस्त तक जारी रहेंगी. जिसके तहत देशवासियों को अपने घर पर तिरंगा फहराने का आह्वान किया गया है. गौरतलब है कि इस अभियान का सीधा फायदा झंडे बनाने वाले कारोबारियों को हो रहा है क्योंकि इस वर्ष झंडे की बिक्री कई गुना बढ गई है.
पॉलिएस्टर व मशीन से बने झंडे भी फहराए जाएंगे
Har Ghar Tiranga Abhiyan: दिल्ली, महाराष्ट्र, गुजरात, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, पंजाब, तमिलनाडु, ओडिसा, बिहार, राजस्थान, झारखण्ड, पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश आदि राज्यों में बेहद बड़े स्तर पर तिरंगे तैयार करने का काम चल रहा है. सरकार के इस अभियान में 25 से 30 करोड़ तिरंगे बिकने की उम्मीद जताई है.
इसके अलावा इस बार दिल्ली के झंडा कारोबारियों को भी पिछले वर्ष की तुलना में बड़ा कारोबार मिला है. छोटे व्यापारियों को 10 लाख तिरंगे (Har Ghar Tiranga Abhiyan) बनाने का ऑर्डर दिया गया है. इसी के साथ औद्योगिक क्षेत्रों के कारखाना मालिक भी अपने कर्मचारियों के लिए तिरंगे खरीद रहे है. बता दें कि इस बार केंद्र सरकार ने पॉलिएस्टर व मशीन से बने झंडे भी फहराने की इजाजत दी है, जिसके सबसे ज्यादा 10 करोड़ झंडे के ऑर्डर गुजरात में सूरत के कारोबारियों को मिले हैं.
हर दिन बन रहे हैं 25 लाख झंडे
Har Ghar Tiranga Abhiyan: गौरतलब है कि हर वर्ष 15 अगस्त को जहां 200 से 250 करोड़ रुपए के तिरंगे बिकते थे, इस साल इनकी बिक्री 500 से 600 करोड़ रुपए तक पहुंच सकती है. बहरहाल दिल्ली में झंडे निर्माताओं के लिए ये मांग पूरी करना मुश्किल हो गया है. राष्ट्रीय ध्वज की भारी मांग के अनुरूप आपूर्ति कर पाना कारोबारियों और विनिर्माताओं के लिए कठिन हो गया है.
व्यापारियों ने दावा किया है कि 22 जुलाई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) द्वारा अभियान (Har Ghar Tiranga Abhiyan) की घोषणा किए जाने के बाद से सभी प्रकार के तिरंगे की बिक्री 50 गुना बढ़ गई है. कारोबारी हर दिन लगभग 25 लाख झंडे तैयार कर रहे हैं लेकिन मांग और भी अधिक है. पूरे भारत से ऑर्डर आ रहे हैं क्योंकि देश के राज्यों में झंडे की कमी है.
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