द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्रपति पद के लिए दर्ज करवाया अपना नामांकन, नरेंद्र मोदी समेत भाजपा के कई बड़े नेता रहे मौजूद

भारतीय जनता पार्टी की नेतृत्व वाली एनडीए गठबंधन की तरफ से राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार चुनी गयी द्रोपदी मुर्मू (Draupadi Murmu) ने आज अपना नामांकन दाखिल करवा दिया है. नामांकन के लिए जाने से पहले उन्होंने महात्मा गाँधी की प्रतिमा पर श्रद्धांजलि अर्पित की. उनके इस नामांकन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह सहित केंद्र सरकार के कई मंत्री भी मौजूद रहे. द्रौपदी (Draupadi Murmu) ने अपना नामांकन कुल 4 सेट में दाखिल करवाया. जिसमे पहले सेट के प्रस्तावक खुद माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बने.
तय मानी जा रही है जीत
#WATCH NDA's Presidential election candidate Droupadi Murmu files her nomination in the presence of PM Modi, Union cabinet ministers & CMs of BJP & NDA ruled states pic.twitter.com/PkZDXeL3L1
— ANI (@ANI) June 24, 2022
द्रौपदी मुर्मू (Draupadi Murmu) के नाम की घोषणा के बाद से अभी तक में ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक और वाईएसआर कांग्रेस के नेता जगन मोहन रेड्डी समर्थन देने का एलान कर चूके हैं. इसके अलावा झारखंड मुक्ति मोर्चा की भी अदिवासी महिला के नाम पर समर्थन देने की पूरी उम्मीद है. ऐसे में उनकी जीत लगभग पक्की ही मानी जा रही है. उनके नाम की घोषणा करते समय भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भी कहा था कि, उन्हें अगर निर्विरोध ही चुन लिया जाता तो बेहतर होता.
उनके नामांकन के समय बीजू जनता दल और वाईएसआर कांग्रेस के कई सांसद के मौजूद होने के कारण ऐसा माना जा रहा है कि, भाजपा ने नामांकन के साथ-साथ अपनी शक्ति प्रदर्शन करते हुए जीत का दम भी भर दिया है. इतना ही नहीं बल्कि, इस दौरान योगी आदित्यनाथ, शिवराज सिंह चौहान, मनोहर लाल खट्टर, हिमंता बिस्वा सरमा, पुष्कर सिंह धामी समेत भाजपा शासित राज्यों के कई मुख्यमंत्री भी पहुंचे थे.
बनेंगी देश की पहली महिला आदिवासी राष्ट्रपति
ओडिशा के मयूरगंज में जन्मी द्रौपदी मुर्मू (Draupadi Murmu) संथाल जनजाति समुदाय से आती है. ऐसे में अगर वो जीतती है तो वो देश की पहली महिला आदिवासी राष्ट्रपति बन जाएंगी. जबकि प्रतिभा देवी सिंह पाटिल के बाद वो देश की दूसरी महिला राष्ट्रपति होंगी. उनके जीवन पर अगर डाला जाए तो यह काफी मुश्किलों और संघर्षो से भरा रहा है. साल 2009 के बाद से अपने पति और दो बेटों समेत कई परिजनों को खोने वालीं द्रौपदी मुर्मू (Draupadi Murmu) ने कठिन संघर्ष के बीच अपनी बेटियों की परवरिश की थी.
जबकि बात अगर उनके राजनैतिक करियर की करी जाए तो वो 1997 में भाजपा में शामिल होने के बाद ओडिशा विधानसभा की सदस्य रह चुकी है और नवीन पटनायक की सरकार में मंत्री के तौर पर भी काम कर चुकी हैं. इतना ही नहीं, उन्होंने साल 2015 से 2021 तक झारखंड की पहली महिला राज्यपाल के रूप में भी कार्यभार संभाल चुकी है.