April 25, 2024

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शुभ संयोगो में मनाई जाएगी देवशयनी एकादशी। जानिए क्या है व्रत के नियम और किन चीजों का परहेज करें।

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Devshayani Ekadashi 2022:  हिंदू धर्म के अंतर्गत आषाढ़ के महीने में आने वाली एकादशी तिथियों का विशेष महत्व माना जाता है। आषाढ़ महीने की पहली एकादशी को योगिनी एकादशी तथा दूसरी और अंतिम एकादशी को देवशयनी एकादशी कहा जाता है। इस वर्ष आने वाली देवशयनी एकादशी (Devshayani Ekadashi 2022) पर शुभ संयोग बन रहे हैं। इन शुभ संयोगों के कारण देवशयनी एकादशी का महत्व और भी बढ़ गया है।

क्या है देवशयनी एकादशी का महत्व

Devshayani Ekadashi 2022

इस साल देवशयनी एकादशी (Devshayani Ekadashi 2022) 10 जुलाई रविवार को मनाई जाएगी। देवशयनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु का व्रत किया जाता है, माना जाता है कि इस दिन विधि-विधान से पूजा और तप किया जाता है जिससे समस्त पापों से मुक्ति मिलती है और साथ ही भगवान विष्णु का आशीर्वाद भी मिलता है।

देवशयनी एकादशी के दिन शुभ संयोग

Devshayani Ekadashi 2022

देवशयनी एकादशी (Devshayani Ekadashi 2022) के दिन शुभ योग बन रहे हैं। ज्योतिष शास्त्र में इन योग को शुभ योगों में गिना जाता है। इस समय में किए गए कार्यों में अवश्य ही सफलता हासिल होती है। साथ ही मान-सम्मान की भी प्राप्ति होती है। देवशयनी एकादशी की तिथि 9 जुलाई को शाम 04:39 से शुरू होकर 10 जुलाई को 02:13 पर समाप्त होगी।

उदया तिथि के अनुसार एकादशी तिथि का व्रत 10 जुलाई को रखा जाने वाला है। और इस व्रत का समापन 11 जुलाई को होगा। चातुर्मास की शुरुआत से ही देवशयनी एकादशी मानी जाती है। इस बार चातुर्मास 10 जुलाई से शुरु हो रहा हैं। इसी दिन देवशयनी एकादशी भी है। इसका समापन देवउठनी एकादशी 4 नवंबर को होगा।

देवशयनी एकादशी व्रत के नियम

Devshayani Ekadashi 2022

जो भी व्यक्ति देवशयनी एकादशी (Devshayani Ekadashi 2022) का व्रत रखना चाहते हैं उन्हें 9 जुलाई से तामसिक भोजन बंद करना होगा। तामसिक पदार्थों में प्याज, लहसुन, शराब, सिगरेट आदि शामिल हैं। एकादशी व्रत करते समय पीले रंग के वस्त्र धारण करने चाहिए। भगवान विष्णु को पीला रंग अति प्रिय होता है। इससे वे प्रसन्न भी होते हैं।

एकादशी व्रत करते समय घर की उत्तर पश्चिम दिशा में भगवान विष्णु की मूर्ति या तस्वीर स्थापित कर पूजन करना चाहिए। इससे धन-धान्य में वृद्धि होती है। देवशयनी एकादशी पर भगवान विष्णु की पूजा में पंचामृत, तुलसी का पत्ता, पीले फूल, केसर, हल्दी आदि का विशेष उपयोग करना चाहिए। एकादशी के दिन नाखून, बाल, दाढ़ी आदि नहीं काटने चाहिए। साथ ही इस दिन साबुन से नहाना और शरीर पर तेल का उपयोग भी नहीं करना चाहिए।

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