March 29, 2024

#World Cup 2023     #G20 Summit    #INDvsPAK    #Asia Cup 2023     #Politics

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार की नोटबंदी को ठहराया सही, कहा- उद्देश्य मायने नहीं रखता, एक जज ने रखी अलग राय

0
Supreme Court On Demonetisation

Supreme Court On Demonetisation: सुप्रीम कोर्ट ने आज सोमवार 2 जनवरी को नोटबंदी (Demonetisation) पर अपना फैसला सुनाया है. केंद्र की मोदी सरकार द्वारा ली गई नोटबंदी के फैसले के खिलाफ दायर कि गई याचिकाओं की सुनवाई कर रही पांच न्यायाधीशों में से 4 जजों ने बहुमत के साथ नोटबंदी को सही ठहराया है. इसके साथ ही कोर्ट ने नोटबंदी के खिलाफ दायर की गई सभी 58 याचिकाओं को भी खारीज कर दिया.

नोटबंदी पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला

नोटबंदी (Demonetisation) पर अपना फैसला सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि- 8 नवंबर, 2016 के नोटिफिकेशन में कोई त्रुटि नहीं मिली है. नोटबंदी से पहले केंद्र और आरबीआई के बीच 6 महीने तक सलाह-मशविरा हुआ था. इसलिए निर्णय प्रक्रिया को गलत नहीं का जा सकता. इसके साथ ही कोर्ट ने केंद्र सरकार के 2016 में 500 रुपये और 1000 रुपये के नोटों को बंद करने के फैसले को बरकरार रखा.

कोर्ट ने ये भी कहा कि RBI को स्वतंत्र शक्ति नहीं कि वह बंद किए गए नोट को वापस लेने की तारीख बदल दे. वहीं कोर्ट ने कहा कि केंद्र सरकार RBI की सिफारिश पर ही इस तरह का निर्णय ले सकती है. नोटबंदी (Demonetisation) के उद्देश्य का जिक्र करते हुए जस्टिस गवई ने कहा कि ये मायने नहीं रखता है कि उद्देश्य पूरा हुआ या नहीं.

नोटबंदी पर एक जज की राय अलग

बता दें कि जस्टिस अब्दुल नजीर की अध्यक्षता वाली 5 जजों की संवैधानिक बेंच ने 7 दिसंबर को सरकार और याचिकाकर्ताओं की बहस सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. जस्टिस नजीर ने अपने रिटायरमेंट से दो दिन पहले नोटबंदी (Demonetisation) पर फैसला सुनाया है. फैसला सुनाने वाली बेंच में जस्टिस अब्दुल नजीर, जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस ए.एस. बोपन्ना, जस्टिस वी. रामासुब्रमण्यन, और जस्टिस बी.वी. नागरत्ना शामिल हैं.

नोटबंदी (Demonetisation) को लेकर जस्टिस बीवी नागरत्न की अलग राय देखने को मिली. उन्होंने कहा, “केंद्र सरकार के इशारे पर नोटों की सभी सीरीज का विमुद्रीकरण बैंक के विमुद्रीकरण की तुलना में कहीं अधिक गंभीर मुद्दा है. इसलिए, इसे पहले कार्यकारी अधिसूचना के माध्यम से और फिर कानून के माध्यम से किया जाना चाहिए.” उन्होंने आगे कहा कि धारा 26(2) के अनुसार, नोटबंदी का प्रस्ताव आरबीआई के केंद्रीय बोर्ड से आएगा.

8 नवंबर को हुई थी नोटबंदी

Central Government on Demonetisation

गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने 8 नवंबर 2016 को अचानक देश में नोटबंदी करने का बड़ा फैसला लिया था. इसके तहत सरकार ने 1000 और 500 रुपये के नोटों को चलन से बाहर कर दिया गया था. इस फैसले के बाद पूरे देश को नोट बदलवाने के लिए लंबी कतारों में लगना पड़ा था. इस दौरान कई लोगों की जान भी चली गई थी. जिसका, जिक्र आज भी लोग किया करते हैं. वहीं, केंद्र सरकार पर इस नोटबंदी (Demonetisation) को लेकर कई तरह के सवाल उठाए जाते रहे हैं.

ये भी पढ़ें- शर्मनाक : नए साल पर नशे में धुत्त कार सवारों ने लड़की को मारी टक्कर, नग्न अवस्था में 8 किलोमीटर तक शव को घसीटा

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *