विधायकों, मंत्रियों, स्पीकर और विपक्ष के नेताओं के वेतन में 66% की होगी बढ़ोतरी, करीब 11 साल बाद पास हुआ वेतन बढ़ाने का विधेयक

Delhi MLA Salary: दिल्ली विधानसभा का दो दिवसीय मॉनसून सत्र सोमवार से शुरू हो गया, जिसके पहले दिन मंत्री कैलाश गहलोत ने सदन में विधायकों, मंत्रियों, चीफ व्हिप, स्पीकर, डिप्टी स्पीकर और नेता प्रतिपक्ष के वेतन भत्ते वाला विधेयक पेश किया। जिसे ध्वनिमत से पारित किया गया। हालांकि, इसी के साथ सदन में आज, विधायकों की सैलरी (Delhi MLA Salary) से जुड़े पांच बिल भी पेश किए गए, जिनमें मंत्रियों, विधायकों, चीफ व्हिप, विधानसभा अध्यक्ष-उपाध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष के वेतन-भत्ते में संसोधन का बिल शामिल हैं।
2015 में भी रखा गया था वेतन बढ़ाने का प्रस्ताव
इससे पहले वर्ष 2015 में भी, दिल्ली सरकार ने विधायकों की सैलरी (Delhi MLA Salary) में संसोधन का बिल केंद्र सरकार को भेजा था, जिसमें विधायकों की सैलरी 54 हजार से बढ़ाकर 2 लाख 10 हजार करने का प्रस्ताव था, जिसे उस वक्त केंद्र ने मंजूरी नहीं दी थी और ये हवाला दिया था कि यह नियमों का उल्लंघन करके बनाया गया है। जिसके बाद अब, केजरीवाल सरकार ने एक बार फिर वेतन बढ़ाने का बिल पेश किया, जिसे मंजूर कर लिया गया।
मौजूदा वक्त में दिल्ली के विधायकों की सैलरी-भत्ते
फिलहाल, दिल्ली में विधायकों को 54 हजार रुपये प्रति महीना सैलरी के रूप में मिलता है। जिसका विभाजन इस तरह हैं,- बेसिक सैलरी के रूप में 12 हजार रुपये, निर्वाचन क्षेत्र में भत्ते के तौर पर 18 हजार रुपये, 10 हजार रुपये सचिवालय भत्ता, 8 हजार रुपये मोबाइल बिल भत्ता और 6 हजार रुपये वाहन भत्ता अभी तक विधायकों को मिलता है।
नए प्रस्ताव में नेताओं की सैलरी
नए प्रस्ताव के अनुसार, अब से विधायकों की सैलरी प्रति महीना 12 हजार की बजाय 30 हजार हो जाएगी। भत्ते सबके अलग-अलग हैं। बहरहाल, सैलरी और भत्ते मिलाकर दिल्ली के विधायकों को अब महीने में कुल 90 हजार रूपये मिलेंगे।
ये भी पढ़ें: अखिलेश यादव के खिलाफ राष्ट्रीय महिला आयोग ने की तत्काल कार्रवाई की मांग, ट्वीट कर नूपुर शर्मा को कहा था…….